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Col Sofia मामले में SIT ने बीजेपी नेता के खिलाफ दाखिल की पहली रिपोर्ट

Vinay
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Col Sofia मामले में SIT ने बीजेपी नेता के खिलाफ दाखिल की पहली रिपोर्ट

मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ दिए गए आपत्तिजनक बयान की जांच कर रही एसआईटी ने अपनी पहली रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में दाखिल कर दी है. रिपोर्ट में विभिन्न तथ्यों और वीडियो फुटेज का सत्यापन शामिल है. सुप्रीम कोर्ट 28 मई को रिपोर्ट पर विचार करेगा.

कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक बयान देने के मामले में मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह की जांच कर रही एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट में पहली स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है.

एसआईटी ने अपनी पहली रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में दाखिल की है. एसआईटी ने विभिन्न तथ्यों को खंगाला है. वीडियो फुटेज का सत्यापन भी कराया गया है. सुप्रीम कोर्ट 28 मई को रिपोर्ट पर गौर करेगा.

बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी गठन कर मामले की जांच का जिम्मा सौंपा था. एसआईटी के प्रमुख सागर जोन के पुलिस महानिरीक्षक प्रमोद वर्मा हैं. जबकि विशेष सशस्त्र बल के डीआईजी कल्याण चक्रवर्ती और डिंडोरी पुलिस अधीक्षक वाहिनी सिंह सदस्य हैं.

मीडिया में उठे सवालो के बाद दर्ज़ हुआ था FIR

उनके बयान के बाद पूरे देश में बवाल मचा. इसके बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर मध्य प्रदेश पुलिस ने 14 मई को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. हाई कोर्ट ने मंत्री की विवादस्पद टिप्पणी पर स्वतः संज्ञान लिया था. मंत्री के खिलाफभारतीय न्याय संहिता की धारा 152, 196 (1) (बी) और 197 (1) (सी) के तहत मामला दर्ज किया गया.

कर्नल सिफिए को आतंकियों की बहन बताने पर हुआ था विवाद

दरअसल भाषण के दैरान मंत्री विजय शाह ने कर्नल कुरैशी को आतिकंयों की बहन बताया था. उनकी इस टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया था. कांग्रेस समेथ तमाम विपक्षी दलों ने मंत्री के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग की थी. हालांकि मंत्री ने अपने बयान पर खेद जताते हुए माफी भी मांग ली थी. बावजूद इसके उन्हें राहत नहीं मिली.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मंत्री की टिप्पणियों ने देश को शर्मसार किया है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने मंत्री के माफीनामे को खारिज करते हुए कहा था कि न्यायालय ने उनकी टिप्पणियों और उसके बाद की माफी के वीडियो देखे हैं और आश्चर्य जताया कि क्या वह मगरमच्छ के आंसू बहा रहे थे या यह कानूनी कार्यवाही से बचने का प्रयास था.

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