तेज़ रफ्तार बाइक का सड़क पर नियंत्रण खोया
एक दर्दनाक सड़क हादसे में एक युवक की मौत हो गई, जब उसकी बाइक (speed breaker) स्पीड ब्रेकर से टकराकर हवा में उछल गई और दूर जाकर ज़ोरदार तरीके से गिरी। हादसा देर रात हुआ और मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि बाइक तेज गति में थी, जिससे संतुलन पूरी तरह बिगड़ गया।
यादगीरः कर्नाटक के यादगीर जिले में भयानक सड़क हादसे में एक युवक की मौत हो गई जबकि दूसरा शख्स घायल हो गया। यह घटना यादगिर तालुक के यारगोल के पास नेशनल हाईवे पर हुई। रोड एक्सीडेंट में चित्तापुर तालुक के यागापुर थांडा के रहने वाले सचिन (Sachin) की मौत हो गई। बाइकर की दर्दनाक मौत का मंजर पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।
बाइक हवा में उछलकर दूर जा गिरी
जानकारी के मुताबिक, नेशनल हाईवे पर टोल बूथ के सामने हाईवे पर मिट्टी के ढेर से एक बड़ा टेम्पररी स्पीड ब्रेकर बनाया गया है। ऐसा इसीलिए किया गया था कि ताकि वाहन चालक निर्माणाधीन टोल बूथ के अंदर से न गुजरें। रात के अंधेरे में सचिन अपनी बाइक के साथ तेज स्पीड ब्रेकर से टकरा गया। बाइक हवा में उछलकर कुछ दूर पर जाकर गिरी। ऊंचाई से गिरने के बाद सचिन के सिर पर गम्भीर चोट आई। जिससे उसकी जान चली गई।
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सचिन के साथ बाइक पर पीछे बैठा युवक भी घायल हो गया। सचिन को अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई। घायल युवक को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। फिलहाल यादगिर ग्रामीण पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।
बागलकोट में चार युवकों की मौत
इससे पहले बागलकोट में मंगलवार आधी रात के करीब जमखंडी के सिद्धापुर के पास प्रभु लिंगेश्वर शुगर फैक्ट्री के पास एक दुखद हादसे में चार नौजवानों की मौत हो गई, जब उनकी कार गन्ने से लदे एक ट्रैक्टर से टकरा गई। सिद्धापुर के रहने वाले 22 साल के प्रवीण शेडबाला कार चला रहे थे और उनके साथ 20 साल के गणेश अल्लिमट्टी, विश्वनाथ कंबारा और प्रज्वल शेडबाला थे। ये चारों मुधोल तालुक के शिरोला गांव में कडासिद्धेश्वर मंदिर मेले में एक प्रोग्राम देखने जा रहे थे, तभी यह हादसा हुआ।
इत्तेफ़ाक से गणेश के पिता भीमप्पा भी शिरोला जा रहे थे और उन्होंने कार और ट्रैक्टर की टक्कर देखी, हालांकि उन्हें नहीं पता था कि उनका बेटा कार में है। उन्होंने अपनी गाड़ी रोकी और कार में फंसे लोगों को बचाने के लिए बाहर निकले, तभी उन्हें अपनी ज़िंदगी का सबसे बड़ा झटका लगा जब उन्होंने अपने बेटे को गाड़ी के अंदर फंसा हुआ देखा। हालांकि भीमप्पा गणेश को पास के अस्पताल ले गए, लेकिन उनके बेटे की चोटों की वजह से मौत हो गई।
सड़कों पर सिग्नल क्यों बनाया जाता है?
सड़क पार करने वाले पैदल यात्रियों की सुरक्षा में सुधार के लिए पैदल यात्री सुविधाएँ प्रदान की जानी चाहिए। इन्हें आमतौर पर ट्रैफ़िक सिग्नल द्वारा नियंत्रित चौराहों पर लगाया जाता है। यह पैदल यात्रियों को एक ऐसा चरण प्रदान करता है जिस पर पैदल यात्रियों की ज़रूरतों का ध्यान रखने के लिए सिग्नल जारी किए जा सकते हैं।
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