पीयूष ने क्रिकेट को कहा अलविदा
मिट्टी की पिच पर मैट बिछाकर घंटों पसीना बहाने वाले शहर के एक लड़के ने आज जब क्रिकेट को अलविदा कहा तो उनके नाम कई रिकॉर्ड हैं। उनका नाम क्रिकेट इतिहास में दो विश्वकप जीतने वाली टीम के खिलाड़ी के रूप में दर्ज है। मुरादाबाद की गलियों से निकलकर विश्वकप की ट्रॉफी थामने वाले पीयूष ने अपने जुनून व संघर्ष से यह मुकाम हासिल किया। वह नजारा कोई नहीं भूल सकता जब भारत ने 2011 में विश्वकप जीता था और मुरादाबाद का बेटा नीली जर्सी में तिरंगे के साथ खड़ा था। इस मुकाम तक पहुंचने की कहानी सिर्फ आंकड़ों की नहीं, बल्कि संघर्ष, समर्पण और सपनों की तपिश की लंबी दास्तां है।

क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास का पीयूष ने किया एलान
अब, जब उन्होंने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास का एलान किया, तो शहर के खेल प्रेमियों की आंखें नम हो गईं। गर्व और भावुकता, दोनों भाव साथ हैं। पीयूष चावला ने क्रिकेट की शुरुआत सोनकपुर स्टेडियम की साधारण सी मिट्टी वाली पिच से की थी। यहां कोई टर्फ विकेट नहीं था, सुविधाएं नहीं थीं, बस जुनून था। मैदान में मैट बिछाई जाती थी और उसी पर पीयूष घंटों अभ्यास करते थे। कोच केके गौतम ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें तराशना शुरू किया। जब कोच का ट्रांसफर अलीगढ़ हुआ तो पीयूष ने भी शहर छोड़ दिया और अपने गुरु के पीछे अलीगढ़ का रुख किया। कई वर्ष तक वहां प्रशिक्षण लेने के बाद जब वह शहर लौटे तो उनके भीतर एक स्पिनर आकार ले चुका था।
टी-20 वर्ल्ड कप की विजेता भारतीय टीम का हिस्सा थे पीयूष
साधारण परिवार से आने वाले पीयूष का सपना बड़ा था। कठिनाइयों से घिरे रास्तों से होते हुए उन्होंने भारत की अंडर-19 टीम में जगह बनाई और फिर मार्च 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया। उस वक्त उनकी उम्र सिर्फ 17 वर्ष और 75 दिन थी। पीयूष चावला की कहानी हर उस युवा के लिए उम्मीद है, जो छोटे शहर में रहकर बड़े सपने देखता है। पीयूष चावला 2007 में साउथ अफ्रीका में आयोजित पहले टी-20 वर्ल्ड कप की विजेता भारतीय टीम का हिस्सा थे। हालांकि, उन्हें इस टूर्नामेंट में कोई मैच खेलने का मौका नहीं मिला था। इसके बाद पीयूष 2011 में भारत में आयोजित आईसीसी वनडे विश्वकप विजेता टीम का भी हिस्सा बने। इस टूर्नामेंट में उन्होंने तीन मैच खेले और चार विकेट हासिल किए थे।
केकेआर को आईपीएल ट्रॉफी दिलाने को भी मानते हैं यादगार पल
पीयूष चावला अपने जीवन के कुछ यादगार मैचों में से एक मैच केकेआर को आईपीएल ट्रॉफी दिलाने को भी मानते हैं। एक जून 2014 को खेले गए आईपीएल फाइनल मैच में केकेआर का मैच किंग्स इलेवन पंजाब से हुआ था। इस मैच में केकेआर को जीत के लिए अंतिम ओवर में छह रन चाहिए थे। पीयूष ने चौका मारकर टीम को चैंपियन बनाया था। पीयूष आईपीएल में केकेआर के अलावा किंग्स इलेवन पंजाब, चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस के लिए भी खेले।
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