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National: देश में OBC की संख्या रहस्य बनी रहेगी!

Surekha Bhosle
Surekha Bhosle
National: देश में OBC की संख्या रहस्य बनी रहेगी!

जनगणना के बाद भी नहीं मिलेगा स्पष्ट आंकड़ा, सरकार की तैयारी पर सवाल

OBC आबादी का आंकड़ा कब सामने आएगा?

भारत में पिछड़ा वर्ग (OBC – Other Backward Classes) की सटीक जनसंख्या को लेकर दशकों से अस्पष्टता बनी हुई है। जनगणना होती रही है, लेकिन हर बार OBC की संख्या दर्ज नहीं की जाती।

जनगणना 2021 में क्या हुआ?

केंद्र सरकार ने 2021 की जनगणना को कोविड के कारण स्थगित किया था। अब जब इसे फिर से शुरू करने की योजना बन रही है, तो रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार OBC की जातिगत गणना करने के मूड में नहीं दिख रही।

देश में 2027 में जनगणना होनी है. जहां जाति जनगणना के शुरू होने की तारीख का ऐलान कर दिया गया है. वहीं, दूसरी तरफ यह भी सामने आया है कि जनगणना के बाद जहां किस जाति के कितने लोग रहते हैं यह सामने आएगा, वहीं, यह जानकारी नहीं मिलेगी कि OBC की कितनी संख्या है।

देश में 2027 में जाति जनगणना होनी है. इस साल जनगणना में सरकारी कर्मचारी जाति से जुड़ा सवाल भी पूछेंगे. सूत्रों के मुताबिक जनगणना में जाति गिनी जाएगी, वर्ग नहीं गिना जाएगा. यानी जनगणना के बाद यह आंकड़ा सामने नहीं आएगा कि देश में ओबीसी की संख्या कितनी है।

इसके पीछे एक वजह यह भी है कि कुछ राज्यों में जो जातियां ओबीसी हैं वे दूसरे राज्यों में सामान्य हैं। धर्म के साथ हर व्यक्ति को जाति लिखनी होगी. यानी मुस्लिम धर्म के अनुयायियों को भी जाति लिखनी होगी। हालांकि, गलत जाति बताने पर सरकार के पास जांचने का कोई पैमाना नहीं होगा।

OBC की संख्या को नहीं गिना जाएगा

  • आरक्षण का लाभ सिर्फ जाति प्रमाणपत्र के आधार पर मिलता है. लेकिन ये सिर्फ जाति की गणना है वर्ग की नहीं इसमें ओबीसी को नहीं गिना जाएगा. 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा पर सुप्रीम कोर्ट तय करेगा, इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होगी। इस जनगणना से परिसीमन पर भी कोई असर नहीं होगा. 2026 में होने वाला परिसीमन 2011 की जनगणना के आधार पर भी हो सकता है।
  • जनगणना में सामान्यतः 5 साल लगते हैं लेकिन इस बार तीन साल लगेंगे. इसके पीछे प्रमुख वजह यह है कि यह डिजिटल तौर पर होगी।

जातियों का डाटा आएगा सामने

  • देश में कांग्रेस पार्टी लगातार जाति जनगणना कराए जाने को लेकर सवाल उठा रही थी. हालांकि, मोदी सरकार ने 30 अप्रैल को कैबिनेट बैठक में जाति जनगणना कराने का निर्णय लिया था, अब इसकी तारीख का भी ऐलान कर दिया गया है। जाति जनगणना का सीधा सा मतलब समझे तो यह है कि देश में कई तरह की जाति के रहने वाले लोग रहते हैं। इन सभी जाति के लोगों की गिनती की जाएगी। इस जनगणना के बाद यह सामने आ जाएगा कि देश में किस जाति के कितने लोग रहते हैं।
  • देश में इससे पहले साल 2011 में जनगणना हुई थी. हालांकि 2021 में जनगणना की जानी चाहिए थी, लेकिन कोविड-19 महामारी की वजह से यह नहीं कराई जा सकी।

क्या सवाल पूछे जाएंगे?

  • जनगणना के सवालों में शख्स का नाम, जेंडर, माता-पिता का नाम, जन्म की तारीख, वैवाहिक स्थिति, वर्तमान और अस्थायी पता, परिवार के मुखिया का नाम और सबसे अहम जाति को लेकर सवाल पूछे जाएंगे. जानकारी के मुताबिक, ऐसे 30 सवाल पूछे जाएंगे।

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