मुंबई, । मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) के नेतृत्व में हज़ारों मराठा प्रदर्शनकारी शुक्रवार को मुंबई (Mumbai) के आज़ाद मैदान (Azad Maidan) पहुँच गए। यह आंदोलन कई महीनों से उबाल पर था और अब इसका केंद्र मुंबई बन गया है।
साढ़े छह हज़ार गाड़ियों के काफिले के साथ एंट्री
सुबह-सुबह मनोज जरांगे पाटिल अपने समर्थकों के साथ साढ़े छह हज़ार गाड़ियों के लंबे काफ़िले में मुंबई पहुँचे। उनके आते ही आज़ाद मैदान का माहौल पूरी तरह से आंदोलकारी रंग में रंग गया।
सरकार ने इस प्रदर्शन को केवल एक दिन की इजाज़त दी है, लेकिन समर्थकों का कहना है कि वे महीने भर की लड़ाई के लिए तैयार होकर आए हैं। आज़ाद मैदान से भाषण देते हुए मनोज जरांगे पाटिल ने आमरण अनशन शुरू कर दिया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा – “सरकार चाहे गोली भी चला दे, मैं आरक्षण मिलने तक यहाँ से नहीं हिलूँगा।”
आज़ाद मैदान में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
प्रदर्शन के मद्देनज़र आज़ाद मैदान को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्यनारायण चौधरी ने बताया कि 200 से 250 अधिकारियों समेत 1,500 से अधिक पुलिसकर्मी मैदान में तैनात हैं।
साइबर पुलिस और बम निरोधक दस्ता भी मुस्तैद
भीड़भाड़ और संवेदनशील स्थानों पर साइबर पुलिस पैनी नज़र रख रही है। बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वॉड लगातार जाँच कर रहे हैं। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एसआरपीएफ की टुकड़ियाँ और रैपिड एक्शन फ़ोर्स की टीमें भी तैनात की गई हैं।
सीसीटीवी से हो रही चौकसी
मुंबई पुलिस आयुक्तालय के मुख्य नियंत्रण कक्ष से सीसीटीवी कैमरों के ज़रिए पूरे शहर की निगरानी की जा रही है। शहर के सभी पाँच प्रवेश द्वारों की घेराबंदी कर दी गई है और संदिग्ध वाहनों, वस्तुओं और व्यक्तियों की गहन जाँच की जा रही है।प्रदर्शनकारियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए होटलों और लॉजों की तलाशी भी की जा रही है ताकि कोई भी संदिग्ध गतिविधि अनदेखी न रह जाए।
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