AQI 350 पार, GRAP-I लागू
नई दिल्ली: दिवाली के त्यौहार से ठीक पहले, दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की वायु गुणवत्ता(Toxic) गंभीर रूप से बिगड़ गई है। शनिवार सुबह 8 बजे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा एयर क्वाॅलिटी इंडेक्स (AQI) 367 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। आनंद विहार (370) और अक्षरधाम (369) जैसे इलाकों में तो यह स्तर 350 को पार कर गया है। इस खतरनाक वायु प्रदूषण के कारण, वायु गुणवत्ता(Toxic) प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-I) को लागू कर दिया है। यह कदम तब उठाया गया है जब AQI का स्तर 211 तक पहुँच गया था। इस योजना के तहत, सभी संबंधित एजेंसियों को एंटी-स्मॉग गन का उपयोग, पानी का छिड़काव और धूल नियंत्रण सहित 27 निवारक उपायों को सख्ती से लागू करना होगा। पल्मोनोलॉजिस्ट ने बाहरी गतिविधियों के दौरान N95 या डबल सर्जिकल मास्क पहनने की सलाह दी है।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए कृत्रिम बारिश की तैयारी और पराली का मुद्दा
बढ़ते प्रदूषण(Toxic) को नियंत्रित करने के लिए, दिल्ली सरकार ने क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश की तैयारी पूरी कर ली है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि चुनिंदा इलाकों में दिवाली के एक दिन बाद कृत्रिम बारिश कराई जा सकती है, जिसके लिए मौसम विभाग की हरी झंडी का इंतजार है। वहीं, प्रदूषण का एक बड़ा कारण उत्तर और मध्य भारत में दिवाली के बाद शुरू होने वाला पराली जलाना है। इसे रोकने के लिए वायु गुणवत्ता(Toxic) प्रबंधन आयोग (CAQM) अधिनियम 2021 के तहत नियम लागू किए गए हैं। इसके अनुसार, 2 एकड़ से कम जमीन पर पराली जलाने पर ₹5,000, 2 से 5 एकड़ पर ₹10,000, और 5 एकड़ से अधिक जमीन पर ₹30,000 तक के जुर्माने का प्रावधान है।
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केरल में भारी बारिश और मुल्लापेरियार बांध की स्थिति
जहां उत्तर भारत में वायु प्रदूषण एक गंभीर संकट बना हुआ है, वहीं दक्षिण भारत के तमिलनाडु और केरल में भारी बारिश का कहर जारी है। केरल में मुल्लापेरियार बांध का जलस्तर 137 फीट को पार कर गया, जिससे बांध के तीन गेट खोलने पड़े और निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई। केरल के अलावा, कन्याकुमारी, तिरुनेलवेली, चेन्नई सहित तमिलनाडु के कई जिलों में भी तेज बारिश दर्ज की गई है। ये विपरीत मौसमी घटनाएँ – एक तरफ खतरनाक वायु प्रदूषण और दूसरी तरफ भारी बारिश और बाढ़ – देश के विभिन्न हिस्सों में गंभीर पर्यावरणीय चुनौतियों को दर्शाती हैं।
दिल्ली में AQI (Air Quality Index) के ‘बहुत खराब’ स्तर तक पहुँचने के पीछे मुख्य कारण क्या बताए गए हैं?
दिल्ली में AQI के ‘बहुत खराब’ स्तर तक पहुँचने का एक मुख्य कारण दिवाली के बाद उत्तर और मध्य भारत (खासकर हरियाणा और पंजाब) में पराली जलाने का शुरू होना है। इसके अलावा, सड़कों पर धूल, वाहनों का धुआँ और निर्माण गतिविधियों से होने वाला प्रदूषण भी वायु गुणवत्ता को खराब करता है।
मुल्लापेरियार बांध के गेट खोलने का कारण क्या था और इसका क्या परिणाम हुआ?
मुल्लापेरियार बांध के गेट खोलने का कारण केरल और तमिलनाडु में हो रही भारी बारिश से बांध के जलस्तर का 137 फीट को पार कर जाना था। जलस्तर बढ़ने के कारण अतिरिक्त पानी को निकालने के लिए तीन गेट खोले गए, जिसके परिणामस्वरूप निचले इलाकों में पानी भर गया और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई।
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