सोने के बाजार में एक बार फिर हलचल मच गई है। पिछले दिनों लगातार तेजी के बाद सोने की कीमतों में अचानक और भारी गिरावट देखने को मिली है। इसके पीछे मुख्य वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का सोशल मीडिया (Social Media) पर दिया गया एक अहम बयान है। ट्रंप ने घोषणा की कि सोने की बार्स पर लगने वाले टैरिफ को हटा दिया जाएगा, जिससे निवेशकों के बीच बाजार में बड़ा बदलाव आया और सोने की कीमतें एक झटके में करीब 1400 रुपये तक नीचे आ गईं। आइए जानते हैं कि ट्रंप ने क्या कहा और इसका सोने के भाव पर क्या असर पड़ा।
ट्रंप का बड़ा बयान और इसका असर
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर बताया कि वे सोने की बार्स (Gold Bar) पर लगाए जाने वाले टैरिफ को हटाने का निर्णय ले रहे हैं। इससे पहले अमेरिकी सीमा शुल्क विभाग ने एक नियम जारी किया था, जिसके तहत 1 किलो और 100 औंस वजन की सोने की छड़ों पर टैरिफ लगाया जाना तय था। इस फैसले ने बाजार में अस्थिरता पैदा कर दी थी और सोने की कीमतों में तेजी आ गई थी।
लेकिन जैसे ही ट्रंप ने घोषणा की कि सोने पर टैरिफ नहीं लगेगा, बाजार में तेजी के बजाए गिरावट देखने को मिली। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमतें अचानक 1400 रुपये से अधिक नीचे आ गईं। और 999 शुद्धता वाला 10 ग्राम सोना कम होकर 1,00,389 रुपये का रह गया। इससे पहले ये 1,01,199 रुपये तक उछला था। इसी के साथ न्यूयॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में अगस्त डिलीवरी वाले सोने के वायदा भाव में भी 2 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्ज हुई।
पहले की बढ़ोतरी की वजह क्या थी?
सोने की कीमतों में जो तेजी आई थी, वह मुख्य रूप से स्विट्जरलैंड और अन्य वैश्विक ट्रेडिंग हब से सोने की सप्लाई को लेकर कस्टम कोड और टैरिफ की आशंकाओं की वजह से थी। निवेशक और व्यापारी इस बात को लेकर अनिश्चित थे कि नए नियमों के चलते सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं।
आगे की क्या राह होगी?
ट्रंप के इस फैसले से सोने के निवेशकों को अस्थायी तो राहत मिली है, लेकिन बाजार की चाल पर अब भी कई अन्य वैश्विक और आर्थिक कारक प्रभाव डालते रहेंगे। अंतरराष्ट्रीय मुद्रास्फीति, डॉलर की मजबूती, और geopolitical तनाव भी सोने की कीमतों को प्रभावित करते हैं।
किस देश का सोना ओरिजिनल है?
स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देश उच्च शुद्धता वाले सोने के उत्पादन के लिए जाने जाते हैं, जबकि चीन और रूस जैसे देश दुनिया में सोने के सबसे बड़े उत्पादक हैं। आभूषणों की बात करें तो, इस्तेमाल किए गए सोने की शुद्धता और रंग, वांछित स्थायित्व और सौंदर्य के आधार पर भिन्न हो सकते हैं।
गोल्ड का नाम सबसे पहले किसने रखा था?
“गोल्ड” शब्द, जैसा कि हम आज जानते हैं, वास्तव में पुरानी अंग्रेज़ी और जर्मनिक मूल से आया है। जर्मन गोथिक भाषा में सोने के लिए गुल्टा शब्द का प्रयोग किया जाता था, जो बाद में पुरानी अंग्रेज़ी भाषा में जिओलू के रूप में विकसित हुआ।
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