भीलवाड़ा : नदी के किनारे ट्रैक्टर में मिट्टी भर रहे 2 युवक इसमें दब गए। आसपास खड़े मजदूर तुरंत गेती-फावड़ा लेकर उन्हें बचाने पहुंचे। करीब आधे घंटे खुदाई करने के बाद मिट्टी के ढेर से दोनों के शव बरामद हुए।
दम घुटने से दोनों की मौके पर ही मौत (Death) हो गई। वहीं मौत की खबर सुनते ही परिजन वहीं बैठ गए और रोते रहे। परिजनों ने कहा- बेटा दबकर मर गया कहां जाएं, सुबह कहकर निकला था। 2 घंटे में आ जाऊंगा। 50 रुपए लेकर गया था।
मामला भीलवाड़ा के सदर थाना इलाके की कोठारी नदी का सुबह 8 बजे का है।
नदी में मिट्टी भरने पहुंचे थे
सदर थाना (SHO) कैलाश कुमार विश्नोई ने बताया- सुबह 6-7 युवक ट्रैक्टर ट्राली लेकर सदर थाना क्षेत्र में कामधेनु बालाजी मंदिर के पीछे कोठारी नदी में मिट्टी भरने पहुंचे थे। ये यहां नदी में से मिट्टी निकाल कर ट्रेक्टर में भर रहे थे इसी दौरान मिट्टी ढेर ढह गया। मृतकों की पहचान दीपू सिंह (27) पिता भंवर सिंह और पूरण (29) पिता दुर्गा लाल बागरिया के रूप में की। दोनों के शव को महात्मा गांधी अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाया है जहां पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द किए जाएंगे। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
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मां बोली- बेटा दबकर मर गया
दीपू की मां जशोदा राजपूत ने बताया- वह सुबह 6 बजे निकला था। कहा था मिट्टी भर के वापस आ जाऊंगा। मुझे 50 रुपए लिए थे और कहा था 2 घंटे में वापस आ जाऊंगा।
मिट्टी में दब के मेरा बेटा मर गया साहब, अब कहां जाएं।
पिता बोला- बेटे को मार दिया
वहीं पूरण के पिता दुर्गा सिंह ने बताया- मेरे बेटे को सुबह 4 बजे रेत भरने ले गए थे। मार दिया उसे। मैंने मना किया था मत ले जाओ, मत ले जाओ, लेकिन ले गए। वह बाहर ही नहीं आ पाया।
मेरा एक ही बेटा था, वह भी गया। मैं भी बीमार रहता हूं। हमारे तो बुढ़ापे का सहारा छिन गया।
भीलवाड़ा में कौन सी प्रमुख नदी बहती है?
इस पर्वतमाला के पूर्व में, चंबल नदी —राज्य की एकमात्र बड़ी और बारहमासी नदी—और अन्य जलमार्ग आमतौर पर उत्तर-पूर्व की ओर बहते हैं।
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