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National : पूर्वोत्तर और आदिवासी क्षेत्रों में लागू नहीं होगी यूसीसी : रिजिजू

Anuj Kumar
Anuj Kumar
National : पूर्वोत्तर और आदिवासी क्षेत्रों में लागू नहीं होगी यूसीसी : रिजिजू

नई दिल्ली। हमेशा से यह सवाल उठता रहा है कि समान नागरिक संहिता (UCC) में आदिवासी समुदाय शामिल होंगे या नहीं, क्योंकि उनकी अपनी परंपराएं और रीति-रिवाज हैं। इस पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने बड़ा बयान दिया है। रिजिजू ने स्पष्ट किया कि पूर्वोत्तर और देश के अन्य क्षेत्रों के आदिवासियों को प्रस्तावित यूसीसी के दायरे से बाहर रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि आदिवासियों को अपनी परंपरा के अनुसार मुक्त रूप से जीवन जीने की आज़ादी दी जाएगी।

सोशल मीडिया पर केंद्र के खिलाफ माहौल बनाने का आरोप

कार्यक्रम में रिजिजू ने कहा कि कुछ लोग इन दिनों सोशल मीडिया (Social Media) पर केंद्र सरकार के खिलाफ एक विचित्र विमर्श गढ़ रहे हैं। हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया।

“फौजदारी कानून सभी के लिए समान, तो नागरिक कानून क्यों नहीं”

रिजिजू ने कहा कि जब फौजदारी कानून सभी पर समान रूप से लागू है, तो नागरिक कानून भी सभी के लिए समान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने इस दिशा में काम शुरू किया है, लेकिन केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि अनुसूचित क्षेत्रों, पूर्वोत्तर और आदिवासी इलाकों में यूसीसी लागू नहीं होगा।

आदिवासी उत्थान के लिए मोदी सरकार की पहल

कार्यक्रम में रिजिजू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आदिवासी कल्याण के लिए किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज मोदी सरकार में तीन कैबिनेट मंत्री और आदिवासी समुदाय से चार राज्य मंत्री हैं। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी कहा कि मोदी सरकार ने अपनी दूरदर्शिता से देश को नई दिशा दी है और आदिवासी समुदाय के लिए ऐतिहासिक कार्य किए हैं।

उत्तराखंड ने लागू किया यूसीसी

रिजिजू ने बताया कि वर्तमान में यूसीसी पर विधि आयोग विचार कर रहा है। वहीं, उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने अपने यहां यूसीसी लागू कर दिया है।

कांग्रेस पर साधा निशाना

नागरिक संहिता और आदिवासी प्रतिनिधित्व के मुद्दे पर रिजिजू ने कांग्रेस पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि पहले आदिवासी सांसदों का मंत्रिपरिषद में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं था। उन्होंने वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम का उदाहरण देते हुए कहा कि वे कई बार सांसद रहे लेकिन उन्हें केवल राज्य मंत्री बनाया गया।
किरेन रिजिजू का यह बयान केंद्र सरकार की मंशा को साफ करता है कि यूसीसी के दायरे में आदिवासी समुदायों को नहीं लाया जाएगा, ताकि उनकी परंपराओं और सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखा जा सके


किरेन रिजिजू कौन हैं?

किरेन रिजिजू (जन्म 19 नवंबर 1971) अरुणाचल प्रदेश के एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। दो दशकों से अधिक के प्रतिष्ठित राजनीतिक करियर के साथ, वह भारत सरकार में पृथ्वी विज्ञान के कैबिनेट मंत्री हैं।

किरेन रिजिजू हिंदू है या बौद्ध?

रिजिजू का जन्म 19 नवंबर 1971 को अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले के नफरा कस्बे के पास नाखू गाँव में एक बौद्ध परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम रिनचिन खारू और माता का नाम चिराई रिजिजू है।

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