नई दिल्ली, 11 अगस्त 2025: भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdip Dhankhad) के 21 जुलाई 2025 को अपने पद से इस्तीफा देने के बाद उनकी सार्वजनिक अनुपस्थिति ने सियासी हलकों में तूफान खड़ा कर दिया है।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद संजय राऊत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर धनखड़ के ठिकाने और उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं, जिसके बाद यह मुद्दा और गर्म हो गया है। राऊत के पत्र में पूछे गए सवालों ने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और विपक्ष के बीच तीखी बहस छेड़ दी है।
संजय राऊत के पत्र:
संजय राऊत ने अपने पत्र में गृह मंत्री अमित शाह से कई सवाल पूछे हैं, जिनमें शामिल हैं: – जगदीप धनखड़ 21 जुलाई के बाद से कहाँ हैं? – उनकी स्वास्थ्य स्थिति कैसी है? – वे किसके साथ हैं और उनका ठिकाना क्या है? – क्या वे सुरक्षित हैं, या उन्हें कहीं गायब किया गया है? राऊत ने यह भी सवाल उठाया कि क्या धनखड़ को जानबूझकर सार्वजनिक जीवन से दूर रखा जा रहा है। उनके पत्र में धनखड़ की अचानक अनुपस्थिति को “रहस्यमयी” करार दिया गया, जिसने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया
इस्तीफे का कारण:
जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके पीछे कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया। हालांकि, कुछ X पोस्ट्स में दावा किया गया कि धनखड़ ने कथित तौर पर कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची थी, जिसकी जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुँच गई, और इसके बाद उनका इस्तीफा लिया गया।
सियासी प्रतिक्रियाएँ:
– विपक्ष का हमला: संजय राऊत और अन्य विपक्षी नेताओं ने धनखड़ की अनुपस्थिति को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं। राऊत ने कहा कि एक संवैधानिक पद पर रहे व्यक्ति की ऐसी गुमनामी असामान्य है और यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला हो सकता है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को संसद में उठाने की योजना बनाई है।
– बीजेपी का जवाब: बीजेपी ने राऊत के आरोपों को “निराधार” और “सस्ता सियासी ड्रामा” करार दिया है। पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि धनखड़ निजी जीवन में हैं और उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। बीजेपी ने विपक्ष पर संवैधानिक संस्थानों को बदनाम करने का आरोप लगाया। कुछ X पोस्ट्स में बीजेपी समर्थकों ने दावा किया कि धनखड़ का इस्तीफा स्वेच्छा से था और यह साबित करता है कि “मोदी को सिर्फ मोदी ही हटा सकते हैं।
धनखड़ की अनुपस्थिति का रहस्य:
इस्तीफे के बाद से जगदीप धनखड़ न तो मीडिया के सामने आए हैं और न ही किसी सार्वजनिक मंच पर देखे गए हैं। सूत्रों के अनुसार, वे राजस्थान या दिल्ली में अपने निजी आवास पर हो सकते हैं, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। उनकी अनुपस्थिति ने कई तरह की अटकलों को जन्म दिया है, जिसमें कुछ लोग इसे बीजेपी के आंतरिक सियासी समीकरणों से जोड़ रहे हैं
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