संसद (Parliament) में पेश किया गया कोई भी प्रस्ताव जो कानून बनने का रास्ता तय करता है, उसे ‘बिल’ कहा जाता है। यह बिल (Bill) पारित होकर कानून का रूप ले सकता है।
इस साल का मानसून सत्र आज से यानी 21 जुलाई से शुरू होने वाला है और यह 21 अगस्त तक चलेगा। हालांकि यह मानसून सत्र 12 अगस्त से 18 अगस्त तक स्वतंत्रता दिवस के प्रोग्राम के कारण स्थगित रहेगा। इस सत्र के लिए सरकार और विपक्ष, दोनों ही तैयार हैं। इस मानसून सत्र में सरकार द्वारा कई अहम बिल पेश किए जा सकते हैं तो वहीं विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। खैर इस खबर के जरिए हमारा मुद्दा आपको यह बताना है कि सत्र के दौरान संसद में बिल कौन पेश कर सकता है। आइए फिर आपको इसकी जानकारी देते हैं।
संसद में कौन पेश करता है बिल?
भारतीय संसद Parliament में जब भी कोई सत्र शुरू होता है तो उसमें कई अहम बिल पेश किए जाते हैं मगर सवाल यह है कि उन्हें कौन पेश करता है। आपको बता दें कि संसद में दो तरह के बिल पेश किए जाते हैं। संसद में ‘सरकारी विधेयक’ और ‘गैर-सरकारी विधेयक’ जैसे दो बिल होते हैं। सरकारी बिल को कोई भी मंत्री संसद में पेश करता है। वहीं संसद में पेश होने वाले गैर-सरकारी बिल किसी प्राइवेट मेंबर द्वारा पेश किया जाता है जो सरकार का हिस्सा नहीं होता है। इसका मतलब यह होता है कि संसद में मंत्री और प्राइवेंट मेंबर, दोनों ही बिल पेश कर सकते हैं। मंत्री द्वारा पेश किया जाने वाला बिल सरकार की नीतियों पर होता है तो वहीं प्राइवेट मेंबर किसी समाजिक मुद्दे पर प्रकाश डालता है।
क्या है मानसून सत्र का शेड्यूल?
संसद Parliament का मानसून सत्र आज से यानी 21 जुलाई से 2025 से शुरू होने जा रहा है। ये सत्र 21 अगस्त तक चलेगा। आपको बता दें कि मानसून सत्र पहले 12 अगस्त को खत्म होने वाला था। हालांकि, सरकार ने इसे एक हफ्ते के लिए बढ़ा दिया है। बीच में 12 अगस्त से 18 अगस्त तक सत्र स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रमों के कारण स्थगित रहेगा। सत्र के दौरान कई अहम बिल पेश होने की उम्मीद है। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल भी मानसून सत्र में कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं।
संसद में बिल पास कैसे होता है?
किसी विधेयक को संसद Parliament द्वारा तभी पारित माना जाता है जब दोनों सदन उस पर संशोधनों के साथ या बिना संशोधनों के सहमत हो जाते हैं।
संसद में बिल कितने प्रकार के होते हैं?
विधेयक चार प्रकार के होते हैं: (i) संविधान संशोधन विधेयक; (ii) धन विधेयक; (iii) वित्तीय विधेयक; और (iv) साधारण विधेयक। इनमें से प्रत्येक विधेयक की विशेषताएँ क्या हैं? संविधान संशोधन विधेयक [i] : ये वे विधेयक हैं जो संविधान में संशोधन करना चाहते हैं।