CREA की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 6 महीनों में असम और मेघालय (Meghalaya) की सीमा पर स्थित बर्निहाट शहर (Burnihat City) देश का सबसे प्रदूषित शहर है, जबकि दिल्ली दूसरे स्थान पर है. बताया जा रहा है कि इस शहर में तेजी से बढ़ते औद्योगीकरण और अनियमित उत्सर्जन ने इसे प्रदूषण का केंद्र बना दिया है।
असम और मेघालय Meghalaya को जोड़ने वाला शहर बर्नीहाट जो एक समय बहुत ही शांत और हरियाली से भरपुर था, आज भारत का सबसे प्रदूषित शहरों में गिना जाने लगा है. इस शहर ने प्रदूषण के मामले में दिल्ली को दो कदम पीछे छोड़ दिया है. इसका प्रमुख कारण बर्नीहाट में तेजी से हो रहा औद्योगिकीकरण और फैक्ट्री से निकलता जहरीला धुंआ है. बर्नीहाट में बड़ रहा प्रदूषण पर्यावरणविदों और नीति निर्माताओं के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।
इंडिपेंडेंट रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की. जिसमें उन्होंने बताया कि असम-मेघालय Meghalaya सीमा पर स्थित बर्नीहाट, जनवरी से जून तक भारत का सबसे प्रदूषित शहर है और दिल्ली दूसरे स्थान पर है. रिपोर्ट के अनुसार बर्निहाट की औसत सांद्रता 133 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और दिल्ली की 87 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई है. वहीं मिजोरम भारत का सबसे स्वच्छ शहर बन गया है।
बर्नीहाट सबसे प्रदूषित शहर क्यों?
बर्नीहाट असम और मेघालय Meghalaya के बीच एक प्रमुख परिवहन केंद्र के रूप में कार्य करता है. लेकिन, इस शहर में तेजी से बढ़ते औद्योगीकरण और अनियमित उत्सर्जन ने इसे प्रदूषण का केंद्र बना दिया है. रिपोर्टों के अनुसार, इस शहर में कई कारखाने हैं, जिनमें लोहा और इस्पात संयंत्र, डिस्टिलरी, सीमेंट इकाइयां और पेय पदार्थ उत्पादन संयंत्र शामिल हैं।
ये औद्योगिक इकाइयां हवा में भारी मात्रा में जहरीली गैस छोड़ती हैं, जिससे पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5 और PM10) का स्तर बढ़ जाता है. इसका दूसरा कारण असम और मेघालय के बीच माल ढोने वाले ट्रकों की भारी आवाजाही से वायु गुणवत्ता और अधिक खराब हो जाती है।
स्थानीय लोगों ने इसके खिलाफ किया प्रदर्शन
बर्नीहाट में बिगड़ती वायु गुणवत्ता और अत्यधिक प्रदूषण ने वहां रहने वाले लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है. जनवरी महीने में वहां के स्थानीय लोगों ने बढ़ते प्रदूषण स्तर और उनके स्वास्थ्य पर पड़ रहे इसके प्रभाव के विरोध में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया था।
सरकार ने इस शहर में बिना कोई पूर्व सूचना के निरीक्षण करने पहुंची. शहर की स्थिति को देखते हुए उन्होंने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को लापरवाही बरतने वाले उद्योगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
दिल्ली के प्रदूषण में सुधार की वजह
सीआरईए ने बताया कि दिल्ली सरकार ने उन सभी वाहनों के परिचालन पर नियंत्रण लगा दिया था, जिनकी अवधि पुरी हो चुकी थी. उन्होंने कहा कि यह कदम दिल्ली की वायु गुणवत्ता प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण घटक है. दिल्ली में केवल वाहनों से होने वाले उत्सर्जन के जोखिमों पर ही ध्यान केन्द्रित किया गया है, जबकि सरकार को उन सभी स्रोतों पर ध्यान देना चाहिए जो प्रदूषण उत्सर्जन का प्रमुख कारण हैं.
सबसे प्रदूषित शहरों में ये शहर भी शामिल
भारत के अलग अलग राज्यों के कुछ शहर भी सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल हो गए हैं. जिनमें बिहार का हाजीपुर, उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद शहर, हरियाणा का गुरुग्राम, बिहार का पटना, राजगीर और सासाराम, ओडिशा का तलचर और राउरकेला शामिल हैं.
मेघालय में हिंदू आबादी कितनी है?
2011 की जनगणना के अनुसार मेघालय Meghalaya में 342,078 हिंदू रहते हैं जो ईसाई धर्म के बाद राज्य की आबादी का 11.53% है। मेघालय की अनुसूचित जनजाति की आबादी 2,555,861 (राज्य की आबादी का 86%) है, जिनमें से 122,141 लोग हिंदू धर्म का पालन करते हैं, जबकि गैर-एसटी आबादी 411,028 है, जिनमें से 219,937 लोग हिंदू धर्म का पालन करते हैं।
मेघालय में कौन से धर्म के लोग रहते हैं?
लगभग 75% आबादी ईसाई धर्म का पालन करती है, जिसमें कैथोलिक , प्रेस्बिटेरियन , बैपटिस्ट और चर्च ऑफ गॉड अधिक सामान्य संप्रदाय हैं। मेघालय में लोगों का धर्म उनकी जातीयता से बहुत निकटता से जुड़ा हुआ है। लगभग 90% गारो और लगभग 80% खासी ईसाई हैं, जबकि 97% से अधिक हाजोंग , 98.53% कोच और 94.60% राभा जनजातियाँ हिंदू हैं।