ग्रीस संग युद्धाभ्यास से बढ़ा तनाव
अंकारा/एथेंस: भारतीय नौसेना(Navy) ने ग्रीस के साथ मिलकर पूर्वी भूमध्यसागर में एक अहम युद्धाभ्यास किया है। इस पासिंग एक्सरसाइज के दौरान आईएनएस तमाल और ग्रीक जहाज एचएस रिट्सोस ने संयुक्त रूप से कम्युनिकेशन और एडवांस ड्रिल्स कीं। यह कदम तुर्की(Turkey) के लिए सीधी चुनौती माना जा रहा है, क्योंकि भारतीय नौसेना(Navy) का ग्रीस के साथ अभ्यास करना उसकी ब्लू होमलैंड रणनीति को कमजोर करता है। इस अभ्यास से भारत(India) ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज कराने के लिए तैयार है।
रणनीतिक संदेश और बढ़ता तनाव
क्रेते के उत्तरी इलाके में हुए इस अभ्यास को भले ही सामान्य तकनीकी प्रशिक्षण कहा गया हो, लेकिन इसके राजनीतिक मायने बहुत बड़े हैं। यह क्षेत्र तुर्की और ग्रीस के बीच लंबे समय से विवाद का केंद्र रहा है। गैस संसाधन, समुद्री सीमाएं और नौसैनिक प्रभुत्व को लेकर यहां तनाव बना रहता है। ऐसे हालात में भारतीय नौसेना का ग्रीस संग सहयोग तुर्की के लिए कड़ा संदेश है।
तुर्की ब्लैक सी और भूमध्यसागर को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण देश है और लंबे समय से खुद को इस क्षेत्र का निर्णायक शक्ति मानता है। जब भारत जैसी बड़ी नौसैनिक ताकत ग्रीस के साथ कदम मिलाती है, तो यह सीधे तौर पर तुर्की की स्थिति को चुनौती देता है। यही कारण है कि इस अभ्यास ने उसकी आंतरिक राजनीति में भी हलचल मचा दी है।
ब्लू होमलैंड रणनीति को चुनौती
तुर्की की ब्लू होमलैंड रणनीति का लक्ष्य एजियन सागर और पूर्वी भूमध्यसागर पर अपना प्रभाव बढ़ाना है। लेकिन भारतीय नौसेना के युद्धाभ्यास ने इस रणनीति को झटका दिया है। भारत और ग्रीस का सैन्य सहयोग यह साबित करता है कि तुर्की की आक्रामक नीतियों को अब वैश्विक स्तर पर चुनौती दी जा रही है।
इसके अतिरिक्त ग्रीस ने भी इस अभ्यास से साफ किया कि उसका रक्षा सहयोग सिर्फ यूरोपीय ढांचे तक सीमित नहीं है। वह अब भारत जैसे देशों के साथ साझेदारी कर तुर्की के दबाव का मुकाबला करने के लिए तैयार है। यही वजह है कि भारतीय नौसेना(Navy) का यह कदम ब्लू होमलैंड रणनीति के लिए सीधी चुनौती माना जा रहा है।
पाकिस्तान को दिया अप्रत्यक्ष संदेश

मई 2024 में तुर्की ने पाकिस्तान का साथ देकर भारत के खिलाफ कड़ा रुख दिखाया था। अब भारत ने ग्रीस और साइप्रस जैसे देशों से संबंध गहरे कर तुर्की को घेरने की रणनीति अपनाई है। हाल ही में भारतीय वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ग्रीस की यात्रा पर गए थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइप्रस दौरा किया था।
ग्रीस ने भारतीय मिसाइलों की खरीद में भी रुचि दिखाई है। इसके अलावा भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने ग्रीस की आधिकारिक यात्रा कर दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई थी। इन पहलों से स्पष्ट है कि भारत अब तुर्की की आक्रामकता का जवाब रणनीतिक घेराबंदी से देगा।
भारतीय नौसेना का ग्रीस संग युद्धाभ्यास क्यों अहम है?
यह अभ्यास पूर्वी भूमध्यसागर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में हुआ है, जहां ग्रीस और तुर्की के बीच लंबे समय से विवाद है। ऐसे में भारत की भागीदारी तुर्की की रणनीति के लिए चुनौती और ग्रीस के लिए सहयोग का संकेत है।
ब्लू होमलैंड रणनीति पर असर कैसे पड़ा?
तुर्की का उद्देश्य इस रणनीति से समुद्री क्षेत्र में प्रभुत्व पाना था। लेकिन भारत के ग्रीस संग युद्धाभ्यास ने यह संदेश दिया है कि उसके दावों को वैश्विक सहयोग से कमजोर किया जा सकता है।
पाकिस्तान को लेकर भारत का रुख क्या है?
तुर्की द्वारा पाकिस्तान की मदद करने के बाद भारत ने उसके पड़ोसियों के साथ रक्षा संबंध मजबूत करने शुरू कर दिए। यह संदेश है कि अगर तुर्की पाकिस्तान को समर्थन देगा, तो भारत उसके खिलाफ कड़ा रणनीतिक कदम उठाएगा।
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