नई दिल्ली, २० सितंबर २०२५. दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने आज एक महत्वाकांक्षी ड्रेनेज मास्टर प्लान की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य शहर की बरसाती समस्याओं जैसे कि जलभराव, बाढ़ (Flood), और पुरानी नालियों तथा सीवरेज सिस्टम के कमजोर बुनियादी ढांचे को सुधारना है। यह योजना दिल्ली को अगले ३० वर्षों तक मौसम परिवर्तन एवं तेज बारिश की चुनौतियों से लड़ने के लिए सक्षम बनाएगी।
मुख्य बिंदु और आंकड़े
- योजना की कुल लागत लगभग ₹57,000 करोड़ है, जो अगले पाँच वर्षों में चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी।
- दिल्ली को तीन बेसिनों (क्षेत्रों) में विभाजित किया गया है: नजफगढ़, बरापुल्ला, और ट्रांस-यमुना। नजफगढ़ बेसिन को सबसे ज़्यादा बजट मिलेगा क्योंकि यह दिल्ली के अधिक हिस्से को कवर करता है।
- करीब 18,958 किलोमीटर की नाली-ड्रेनेज नेटवर्क शामिल है, जिसे पुराने सिस्टम से बदलकर आधुनिक, पानी अवशोषित करने वाले, दक्ष एवं अधिक लचीलापन वाला बनाया जाएगा।
- वर्तमान डिजाइन को इस तरह से अपग्रेड किया जाएगा कि यह बरसात के दौरान आने वाली अत्यधिक बारिश (‘इंटेंसिटी’) को संभाल सके — लगभग 11% की बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए।
योजनाएँ और बदलाव
- प्राथमिक बोलने वाले इलाकों में काम
जहाँ जलभराव अक्सर होता है — सड़कों पर पानी जमा होना, ट्रैफिक जाम, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ — उन स्थानों को पहले चरण में कनिष्ठ मरम्मत, सफाई और ड्रेन लाइन की मरम्मत के तहत शामिल किया जाएगा। - नए तकनीकी साधन और स्मार्ट मॉनिटरिंग
ड्रेनेज सिस्टम पर रियल-टाइम सेंसर लगेंगे, एक केंद्रीय नियंत्रण केंद्र स्थापित होगा, जिससे ड्रेन जाम और बहाव गड़बड़ी को पहले ही रोका जा सके। - प्राकृतिक समाधान और हरित अवसंरचना
वाटर-बॉडी (तालाब, झीलें), वेटलैंड्स औरparks का पुनरुद्धार होगा ताकि वर्षा का पानी अवशोषित हो सके; रेनवाटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा मिलेगा; सड़क किनारे की सतहों, पार्कों आदि में permeable pavements जैसी डिजाइन अपनाई जाएगी। - सुथरा रखरखाव और समन्वय
विभिन्न विभागों (PWD, MCD, DDA, NDMC, इत्यादि) और सरकारी एजेंसियों के बीच तालमेल ज़रूरी है ताकि ड्रेन साफ-सफाई, अवैध अतिक्रमण, नालियों पर निर्माण आदि को क़ाबू में रखा जा सके।
लक्ष्य
- जलभराव की घटनाएँ अगले तीन वर्षों में कम-से-कम ५० प्रतिशत घटें।
- पांच वर्षों में बाढ़ से सम्बंधित दुर्घटनाएँ और स्वास्थ्य जोखिमों में लगभग ३० प्रतिशत कमी।
- आर्थिक नुकसान, ट्रैफिक रुकावटें व जीवन की गुणवत्ता में सुधार।
- शहर की सामूहिक क्षमता बढ़े कि ज़्यादा बारिश हो तो भी अवसंरचना ढहने न पाए।

चुनौतियाँ
- इतने बड़े पैमाने पर बजट सुरक्षित करना और समय पर खर्च सुनिश्चित करना।
- निर्माण कार्य के दौरान ट्रैफिक, लोगों की आवाजाही व रोजमर्रा की ज़िंदगी पर पड़ने वाले प्रभावों को कम करना।
- यह काम तभी सफल होगा जब जनता, स्थानीय चर्चाएँ-फ़ोरम और नागरिकों की भागीदारी हो; शिकायतों और सुझावों को सुना जाए और उसके अनुरूप कार्य हो।
यह मास्टर प्लान दिल्ली के लिए ऐतिहासिक कार्रवाई है, एक ऐसी योजना जो न केवल वर्तमान बरसात की चुनौतियों को हल करती है बल्कि भविष्य की परिवर्तनशील जलवायु व तीव्र मौसम घटना-प्रचंडता को भी ध्यान में रखती है। यदि इसे सही तरीके से लागू किया जाए, तो दिल्लीवासी मॉनसून मौसम का सामना अब आँखों में आँसू लेकर नहीं, बल्कि तैयारी के साथ कर सकेंगे।
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