New toll policy : ₹3000 में सालाना पास, असीमित हाईवे यात्रा।

New toll policy : ₹3000 में सालाना पास, असीमित हाईवे यात्रा।

₹3000 में सालाना टोल पास: New toll policy की जमीनी हकीकत

सरकार नेशनल हाईवे पर यात्रा को सुगम और किफायती बनाने के लिए एक New toll policy पर विचार कर रही है।

इस नीति के तहत ₹3000 में सालाना टोल पास की सुविधा प्रदान की जाएगी, जिससे वाहन चालक असीमित यात्रा कर सकेंगे।

आइए, इस प्रस्तावित नीति के प्रमुख बिंदुओं पर नजर डालते हैं।

प्रस्तावित टोल पास की विशेषताएं

  • सालाना टोल पास: ₹3000 के भुगतान पर एक वर्ष के लिए नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर असीमित यात्रा की सुविधा।
  • लाइफटाइम टोल पास: ₹30,000 के एकमुश्त भुगतान पर 15 वर्षों तक असीमित यात्रा की सुविधा।
  • FASTag एकीकरण: ये पास मौजूदा FASTag सिस्टम में एकीकृत होंगे, जिससे अतिरिक्त उपकरण या प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं होगी।​
New toll policy : ₹3000 में सालाना पास, असीमित हाईवे यात्रा।
New toll policy : ₹3000 में सालाना पास, असीमित हाईवे यात्रा।

वर्तमान टोल प्रणाली बनाम प्रस्तावित पास

  • वर्तमान प्रणाली: वर्तमान में, मासिक पास ₹340 में उपलब्ध हैं, जो केवल एक टोल प्लाजा के लिए मान्य होते हैं।​
  • प्रस्तावित प्रणाली: नई नीति के तहत, ₹3000 में पूरे देश के नेशनल हाईवे पर असीमित यात्रा संभव होगी, जिससे यात्रियों को अधिक सुविधा मिलेगी।​

संभावित लाभ

  • यात्रियों के लिए राहत: नियमित हाईवे यात्रियों, विशेषकर निजी वाहन चालकों के लिए यह योजना आर्थिक रूप से लाभकारी होगी।​
  • टोल प्लाजा पर भीड़ में कमी: अग्रिम भुगतान से टोल प्लाजा पर लेन-देन की आवश्यकता कम होगी, जिससे जाम की स्थिति में सुधार होगा।​
  • राजस्व में स्थिरता: सरकार को अग्रिम भुगतान के रूप में स्थिर राजस्व प्राप्त होगा
  • जिसे सड़क अवसंरचना के विकास में निवेश किया जा सकता है।​
New toll policy : ₹3000 में सालाना पास, असीमित हाईवे यात्रा।
New toll policy : ₹3000 में सालाना पास, असीमित हाईवे यात्रा।

विचारणीय बिंदु

  • राजस्व पर प्रभाव: हालांकि निजी वाहन चालकों का टोल राजस्व में हिस्सा 21% है, फिर भी अग्रिम भुगतान से राजस्व में अस्थायी कमी हो सकती है।​
  • उपयोग की विविधता: सभी वाहन चालक इस सुविधा का पूर्ण लाभ नहीं उठा पाएंगे, विशेषकर जो कम यात्रा करते हैं।​

कार्यान्वयन की स्थिति

सड़क परिवहन मंत्रालय इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय की प्रक्रिया में है। वित्त मंत्रालय की स्वीकृति के बाद इसे लागू किया जा सकता है।

पूर्व सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने संकेत दिया था कि यह नीति जल्द ही लागू की जाएगी।

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