सोना पहनने के ज्योतिषीय नियम: लाल किताब के मुताबिक कनक बृहस्पति ग्रह का मुख्य समूह तत्व है। यह बुद्धि, गौरव, और धर्मनिष्ठा का प्रतीक है। अतः कनक धारण करने से पहले इंसान की कुंडली में बृहस्पति की स्थिति का पठन आवश्यक होता है।
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किसे स्वर्ण नहीं पहनना चाहिए?
कुछ विशेष स्थितियों में स्वर्ण पहनने से बचना चाहिए:
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- वृषभ, मिथुन, कन्या और कुंभ लग्न वालों को स्वर्ण थामना नहीं करना चाहिए।
- मोटापा, पेट की समस्या, किडनी रोग और क्रोधी स्वभाव वाले मनुष्य को स्वर्ण असुविधा दे सकता है।
- लौहे, कोयले या शनि से संबंधित कारोबार करने वाले लोगों को भी स्वर्ण थामना नहीं करना चाहिए।
- गर्भवती महिलाएं और वृद्ध महिलाएं कम मात्रा में ही सोना पहनें।
- मांसाहार और शराब सेवन करने वाले मनुष्य को सोना नहीं पहनना चाहिए।

स्वर्ण पहनने के ज्योतिषीय: सोना किस अंग में पहनें?
- गले में पहनने से पति-पत्नी के जीवन मधुर होता है।
- तर्जनी में पहनने से एकाग्रता और समर्पितता बढ़ता है।
- अनामिका में स्वर्ण पहनना संतान प्राप्ति में सहायक हो सकता है।
- कनिष्ठा में पहनने से जुकाम-खांसी व सांस संबंधी परेशानियां में राहत मिलती है।
- बाएं हाथ में स्वर्ण पहनना वर्जित है, इससे बृहस्पति अमंगलकारी हो सकता है।
- कमर या पैरों में करने नहीं पहनना चाहिए, इससे पाचन तंत्र और पति-पत्नी के जीवन प्रभावित हो सकता है।

स्वर्ण के साथ क्या न करें?
- नकली आभूषण या लोहे की चीजें साथ में न रखें।
- सोते समय स्वर्ण तकिए के नीचे न रखें।
- कनक को पवित्रता के साथ संभालें, यह अच्छा असर बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
कनक पहनना फायदेमंद हो सकता है, बशर्ते वह सही इंसान, सही अंग और सही वक्त पर पहने। किसी भी धातु को धारण करने से पहले कुंडली की अनुसंधान और ज्योतिषीय सुझाव लेना जरूरी है।