हैदराबाद : तेलंगाना के मुख्यमंत्री (Chief Minister) ए. रेवंत रेड्डी ने महाराजा अग्रसेन की जयंती महोत्सव में भाग लिया। उन्होंने अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद तथा वार्ता प्रकाशन समूह के प्रबंध निदेशक डॉ. गिरीश कुमार संघी (Dr. Girish Kumar Sanghi) के साथ हैदराबाद के बंजारा हिल्स में स्थापित महाराजा अग्रसेन की विशाल प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया।
डिप्टी सीएम, विधानसभा अध्यक्ष समेत कई हस्तियों ने भाग लिया
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री से उप मुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विर्कमार्का , विधानसभा अध्यक्ष गद्दाम प्रसाद, हैदराबाद की महापौर विजयलक्ष्मी गदवाल, खैतराबाद के विधायक दानम नागेन्दर के साथ दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।अवसर पर मुख्य अतिथि रेवंत रेड्डी ने 5149 वें महाराज श्री अग्रसेन जयंती महोत्सव की समाज बन्धुओं को शुभकामनाएं दी । बंजारा हिल्स महाराजा अग्रसेन चौक रोड़ नं.12 भाग्यनगर के हृदय स्थल पर महाराजा श्री अग्रसेन की 5149 वीं जंयती महोत्सव का आयोजन किया गया।

हर वर्ष की भांति महाराजा श्री अग्रसेनजी महाराज जयंती कार्यक्रम का आयोजन बड़े पैमाने पर किया गया। डॉ. गिरीश कुमार संघी की अध्यक्षता में समाज बन्धुओं द्वारा पधारे मुख्यअतिथि व सम्मानित अतिथियों को मंच पर आमंत्रितकर पुष्प-मालाओं व शॉल से विशेष सम्मान किया गया। कार्यक्रम में प्रमुख रुप से तेलंगाना मुख्यमंत्री ए. रेवन्त रेड्डी, विधानसभा अध्यक्ष जी. प्रसाद कुमार, उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्का, सीएम सलाहकार वेम नरेंद्र रेड्डी, तेलंगाना सरकार के सलाहकार शब्बीर अली, विधायक डी. नागेन्दर, हिन्दी वार्ता के ईडी गौरव संघी, सुभाष अग्रवाल, अलका संघी उपस्थित रहे।
महाराजा अग्रसेन अहिंसा के पुजारी थे
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद डॉ.गिरीश कुमार संघी ने समाज बन्धुओं को 5149 वें महाराजा अग्रसेनजी जयंती की शुभकामनाएँ देते कहा कि महाराजा अग्रसेन अहिंसा के पुजारी थे । उन्ही के मार्गदर्शन पर चलकर आज समाज उन्नति के पथ पर अग्रसर है । मुझे आपार गर्व अनुभव हो रहा है कि वैश्य समुदाय एक विशाल अहिंसाप्रिय समाज है। जो अहिंसा के बल पर आगे बढ रहा है। वैश्य समुदाय के युवा प्रतिभाओं को शिक्षा, तकनीक, स्वास्थय एवं मानव सेवा ही माधव सेवा के तहत आगे बढते हुए कार्य करना चाहिए। अग्रवाल समाज आज मीडिया, व्यापार, उद्योग क्षेत्र मे अग्रणीय है । फिर भी हमारा समाज राजनीतिक क्षेत्र मे बहुत पीछे है ।
राजनीतिक भागीदारी बढ़ानी होगी : डॉ. गिरीश कुमार संघी
उन्होंने कहा कि तेलंगाना में समाज को राजनीतिक क्षेत्र मे आगे बढने के लिए हर क्षेत्र से पार्षद का चुनाव लड़कर आगे आना होगा तभी राजनीतिक मे हमारी पहुँच होगी । समाज अनुशासन, एकता मे रहेगा तभी आगे बढ पायेंगे । उन्होंने बताया कि अगले वर्ष अगर समाज संगठित एकता में रहेगा तो इस प्रतिमा पर माल्यार्पणकर कहीं बडे मैदान में कार्यक्रम को भव्य रुप से मनायेंगे । समाज का पुन: आभार प्रकट करते हुए बताया कि समाज द्वारा दिये गये तन-मन-धन से सहयोग के लिए वे हमेशा आभारी रहेंगे। दिल से समाज की एकजुटता के लिए कार्य करेंगे।
वैश्य समाज विकास का परिचायक : डॉ.गिरीश कुमार संघी
उन्होंने कहा कि वैश्य समाज विकास का परिचायक है। वैश्य समाज के साथ विकास चलता है। देश की आजादी से लेकर विकास तक में इस समाज का अहम योगदान है। यह समाज अपनी समाज सेवा के लिए विख्यात है। देश-विदेश में आपदा आदि में समाज के लोग पीड़ित लोगों की मदद करते है। संयोजक सुरेश अग्रवाल ने बताया कि प्रतिमा को इस चौक में स्थापित कराने में डॉ.गिरीश कुमार संघी का विशेष सहयोग रहा है, जिनके अथक प्रयास से आज यह भव्य प्रतिमा इस पाश वाले क्षेत्र में स्थापित है। समाज सदैव उनका आभारी रहेगा, जिन्होने अपना हर सम्भव सहयोग दिया। समाज बन्धुओं द्वारा समाज मे की गयी सेवाओं के लिए डॉ. गिरीश कुमार संघी का पुष्पमाला, शॉल व मोमेन्टो से विशेष सम्मान किया ।
भारी संख्या में समाज के लोगों ने लिया भाग
जयंती महोत्सव कार्यक्रम में बहुत से समाज बन्धु उपस्थित रहे। कार्यक्रम में पधारी अलका संघी का भी समाज की महिलाओं ने विशेष सम्मान किया। अलका संघी ने बताया कि अग्रसेनजी महाराज की जयंती पर सेवाभाव की प्रेरणा लेकर महिलाओं को भी समाज सेवा में बढ चढ कर भाग लेना चाहिए। कार्यक्रम में ए. के .गोयल (सेवानिवृत्त आईएएस), विनोद अग्रवाल (सेवानिवृत्त आईएएस)अग्रवाल समाज तेलंगाना अध्यक्ष अनिरुद्ध गुप्ता, बद्री विशाल बंसल, गोपाल मोर, सुरेश अग्रवाल, सुनिल पटोदिया, सुरेश जगनानी, मुन्नालाल अग्रवाल, नरेन्द्र कुमार गोयल आदि उपस्थित रहे । मंच का संचालन गोपाल मोर ने किया।
महाभारत में अग्रसेन कौन थे?
महाभारत काल में महाराजा अग्रसेन एक धर्मपरायण, क्षत्रिय राजा थे। वे सूर्य वंशी राजा वल्लभ सेन के वंशज माने जाते हैं और अग्रोहा नामक नगर के संस्थापक थे। अग्रसेन जी ने युद्ध की जगह अहिंसा, व्यापार और जनकल्याण को अपनाया, जिससे उन्हें समाज में उच्च स्थान मिला।
अग्रसेन क्यों प्रसिद्ध है?
उनकों वैश्य समाज के आदिपुरुष माना जाता है। उन्होंने अग्रोहा नामक समृद्ध नगर बसाया और समाजवाद और समानता के सिद्धांत को बढ़ावा दिया। उनकी प्रसिद्ध नीति थी कि कोई नया व्यक्ति अग्रोहा में आए तो प्रत्येक परिवार उसे एक ईंट और एक रुपया दे, ताकि वह अपना घर और व्यापार शुरू कर सके। उनकी इसी नीति ने उन्हें वणिक धर्म और सामाजिक समरसता का प्रतीक बना दिया।
महाराजा अग्रसेन जी का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उनका का जन्म द्वापर युग में हुआ माना जाता है, जो कि महाभारत काल है। ऐतिहासिक और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, उनका जन्म अग्रोधा (वर्तमान हरियाणा राज्य का हिसार ज़िला) में हुआ था।
उनकी जयंती अश्विन शुक्ल प्रतिपदा (नवरात्रि का पहला दिन) को मनाई जाती है।
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