हैदराबाद : रंगारेड्डी जिले के जिला अपर कलेक्टर (District Additional Collector) श्रीनिवास ने कहा कि 12 अक्टूबर को आयोजित होने वाले पल्स पोलियो कार्यक्रम (Pulse Polio program) में प्रत्येक बच्चे को पोलियो की खुराक पिलाई जाए।
पांच वर्ष से कम आयु के 4 लाख 90 हजार बच्चों की पहचान
जिला स्तरीय पल्स पोलियो टास्क फोर्स समिति की बैठक जिला अपर कलेक्टर श्रीनिवास द्वारा जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अधिकारी वेंकटेश्वरलू एवं जिला अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित की गई। इस अवसर पर बोलते हुए जिला चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि एक सर्वेक्षण में जिले में पांच वर्ष से कम आयु के 4 लाख 90 हजार बच्चों की पहचान की गई है।
सभी को कैंपों में जाकर दवा ज़रूर पिलानी चाहिए
उन्होंने कहा कि रविवार, 12 अक्टूबर को कैंपों में पोलियो की दवा पिलाई जाएगी और सभी को कैंपों में जाकर दवा ज़रूर पिलानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आशा वर्कर और आंगनवाड़ी वर्कर 13 से 15 तारीख तक घर-घर जाकर पोलियो ड्रॉप कार्यक्रम में हिस्सा लेंगी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में आंगनवाड़ी स्टाफ, स्वास्थ्य वर्कर और आशा वर्कर को भी शामिल किया गया है। उन्होंने अधिकारियों से स्कूली बच्चों और 5 साल से कम उम्र के अन्य बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का आग्रह किया ताकि इस महामारी को उनके घर तक पहुँचने से रोका जा सके। इस बैठक में जिला अधिकारियों एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया।
पल्स पोलियो क्या होता है?
एक राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियान है, जिसका उद्देश्य पोलियो (Poliomyelitis) बीमारी को पूरी तरह से समाप्त करना है।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की दवा (oral polio drops) मुफ्त में पिलाई जाती है, ताकि वे पोलियो वायरस से सुरक्षित रहें।
पोलियो का दूसरा नाम क्या है?
पोलियोमाइलाइटिस (Poliomyelitis)
यह एक संक्रामक वायरल रोग है, जो मुख्यतः बच्चों को प्रभावित करता है और गंभीर मामलों में लकवा (Paralysis) या मृत्यु का कारण बन सकता है।
भारत में पल्स पोलियो की शुरुआत कब हुई थी?
भारत में पल्स पोलियो कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 1995 में हुई थी।
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