हैदराबाद : तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) दामोदर राज नरसिम्हा ने निजी और कॉर्पोरेट अस्पतालों को बड़ी चेतावनी दी। निम्स में मरीजों (Patients) को दी जा रही चिकित्सा सेवाओं की समीक्षा के दौरान साफ तौर पर मंत्री ने कहा कि मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले निजी और कॉर्पोरेट अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से परहेज नहीं करना चाहिए ।
निम्स में 5 लाख 44 हज़ार लोगों को चिकित्सा सेवाएँ प्रदान की गईं : बीरप्पा
स्वास्थ्य मंत्री ने हैदराबाद स्थित आरोग्यश्री ट्रस्ट कार्यालय में निम्स निदेशक बीरप्पा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बीरप्पा ने बताया कि इस वर्ष के पहले 7 महीनों (जनवरी से जुलाई) में निम्स में 5 लाख 44 हज़ार लोगों को चिकित्सा सेवाएँ प्रदान की गईं। उन्होंने बताया कि इनमें से आधे से ज़्यादा लोगों को आरोग्यश्री और ईजेएचएस जैसी सरकारी योजनाओं के तहत मुफ़्त इलाज मिला। बीरप्पा ने बताया कि बेहतर चिकित्सा सेवाओं के कारण, निम्स में आने वाले मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
निम्स में इस वर्ष अब तक सौ से ज़्यादा किडनी प्रत्यारोपण सर्जरी
उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक सौ से ज़्यादा किडनी प्रत्यारोपण सर्जरी की जा चुकी हैं। इस अवसर पर, मंत्री ने निम्स निदेशक, डॉक्टरों और कर्मचारियों को बधाई दी। मंत्री ने सुझाव दिया कि आपातकालीन स्थितियों में निम्स आने वाले मरीजों के संबंध में अधिक सतर्कता बरती जानी चाहिए। यह सुझाव दिया गया कि मरीजों को जल्द से जल्द भर्ती करके उनका इलाज किया जाना चाहिए। आपातकालीन वार्ड में आवश्यक उपचार प्रदान किया जाना चाहिए और रोगी को संबंधित वार्ड में स्थानांतरित किया जाना चाहिए। निदेशक बीरप्पा ने कहा कि वर्तमान में निम्स आपातकालीन कक्ष में प्रतिदिन 80 से 100 रोगी आ रहे हैं। बीरप्पा ने बताया कि इनमें से आधे से ज़्यादा रोगी निजी और कॉर्पोरेट अस्पतालों में उपचार प्राप्त कर रहे हैं और अपनी हालत बिगड़ने पर अंतिम समय में निम्स आ रहे हैं।

कुछ कॉर्पोरेट अस्पताल ऑपरेशन कर मरीजों को भेज रहे है निम्स, उस्मानिया और गांधी अस्पताल
बीरप्पा ने बताया कि कुछ कॉर्पोरेट अस्पताल ऑपरेशन कर रहे हैं और रोगियों को पूरी तरह ठीक होने से पहले ही छुट्टी देकर निम्स, उस्मानिया और गांधी अस्पताल भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों से मुश्किलें पैदा हो रही हैं। निम्स में आपातकालीन स्थिति में आने वाले रोगियों में, मंत्री ने सुझाव दिया कि उन रोगियों को प्राथमिकता दी जाए जो सीधे निम्स आते हैं और जो सरकारी अस्पतालों से रेफरल पर आते हैं। निजी और कॉर्पोरेट अस्पतालों से आने वाले रोगियों के साथ सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए और उन्हें उपचार प्रदान किया जाना चाहिए। मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को उन निजी और कॉर्पोरेट अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया जो ऑपरेशन के बाद और उपचार के बीच में रोगियों को छुट्टी दे देते हैं।
गांधी, उस्मानिया, निम्स और अन्य सरकारी अस्पतालों के आपातकालीन विभागों के बीच समन्वय जरूरी : स्वास्थ्य मंत्री
मंत्री ने कहा कि गांधी, उस्मानिया, निम्स और अन्य सरकारी अस्पतालों के आपातकालीन विभागों के बीच समन्वय होना चाहिए और किसी अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में बिस्तर भर जाने पर मरीज को दूसरे अस्पताल में रेफर करने और भर्ती करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। मरीज को रेफर करने से पहले, उसे आवश्यक प्राथमिक उपचार प्रदान किया जाना चाहिए और उसकी स्थिति स्थिर होनी चाहिए। मंत्री ने सुझाव दिया कि मरीज को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाते समय उसके साथ एम्बुलेंस में एक डॉक्टर भी भेजा जाना चाहिए। बैठक में स्वास्थ्य सचिव क्रिस्टीना जेड चोंगटू, निम्स निदेशक बीरप्पा, चिकित्सा शिक्षा अतिरिक्त निदेशक वाणी, उस्मानिया मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य राजा राव डॉ. वाणी और अन्य ने भाग लिया।
निम्स हैदराबाद किस लिए प्रसिद्ध है?
निम्स (NIMS – Nizam’s Institute of Medical Sciences) हैदराबाद चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्रसिद्ध है। यह दक्षिण भारत के प्रमुख सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में से एक है, खासकर न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स, और गेस्ट्रोएंटरोलॉजी जैसी शाखाओं में।
क्या निम्स हैदराबाद एक सरकारी अस्पताल है?
हाँ, निम्स हैदराबाद एक सरकारी (राज्य सरकार द्वारा संचालित) सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और मेडिकल इंस्टीट्यूट है। यह तेलंगाना सरकार के अधीन आता है।
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