देश के चार प्रमुख बैंकों ने अपने बचत खाता धारकों के लिए एक बड़ा राहत भरा फैसला लिया है। इन बैंकों ने अब सेविंग्स अकाउंट (Savings Account) में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर लगने वाले जुर्माने को खत्म कर दिया है। यह निर्णय लाखों ग्राहकों, खासकर कम आय वर्ग के लोगों, महिलाओं और किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा। इन चार बैंकों में SBI, PNB, केनरा बैंक और बंधन बैंक शामिल हैं। यदि आपका बचत खाता इनमें से किसी भी बैंक में है और महीने का औसत बैलेंस कम रहता है, तो अब आपको कोई अतिरिक्त शुल्क या पेनल्टी नहीं देनी होगी।
पंजाब नेशनल बैंक ने 1 जुलाई से दी राहत
PNB ने एक आधिकारिक बयान जारी कर बताया है कि यह महत्वपूर्ण फैसला ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। यह नया नियम 1 जुलाई, 2025 से लागू हो गया है। बैंक का मानना है कि इस कदम से उन परिवारों को विशेष लाभ मिलेगा जिनकी आय कम है साथ ही महिला खाताधारक (Female Account Holder) और किसान भी इसका फायदा उठा पाएंगे। अब उन्हें खाते में कम बैलेंस होने पर जुर्माने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी और वे बिना किसी झिझक के आसानी से सभी बैंकिंग सेवाओं का उपयोग कर सकेंगे।
बंधन बैंक का नियम 7 जुलाई से लागू
निजी क्षेत्र के बंधन बैंक ने भी अपने ग्राहकों को एक बड़ा तोहफा दिया है। इस बैंक ने भी अब मिनिमम बैलेंस न रखने पर लगने वाली पेनल्टी को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। यदि आपका बचत खाता बंधन बैंक में है और आप किसी महीने में अपने खाते में न्यूनतम निर्धारित बैलेंस बनाए रखने में असमर्थ रहते हैं, तो अब आप पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। बंधन बैंक का यह नया नियम 7 जुलाई, 2025 से प्रभावी हो गया है। यह निर्णय बैंक के ग्राहकों के लिए वित्तीय बोझ कम करने में मददगार होगा।
ये बैंक पहले ही कर चुके हैं यह बदलाव
कुछ बैंक तो पहले ही अपने ग्राहकों को यह सुविधा दे चुके हैं। SBI ने तो साल 2020 से ही सभी बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस रखने की अनिवार्यता को पूरी तरह से खत्म कर दिया था। इसका मतलब है कि अगर एसबीआई के बचत खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं है, तो भी कोई जुर्माना नहीं लगता है।
वहीं केनरा बैंक ने भी मई 2025 में सभी तरह के बचत खातों के लिए औसत मासिक बैलेंस की शर्त को समाप्त कर दिया था। इसमें रेगुलर सेविंग अकाउंट, सैलरी अकाउंट और एमआरआई सेविंग अकाउंट जैसे सभी प्रकार के बचत खाते शामिल हैं, जिससे ग्राहकों को बड़ी राहत मिली है।
आखिर क्या होता है मिनिमम बैलेंस?
AMB वह न्यूनतम राशि होती है जो ग्राहक को अपने बैंक खाते में एक महीने के दौरान औसतन बनाए रखनी होती है। अगर खाते में बैलेंस इस निर्धारित राशि से कम हो जाता है तो बैंक (AMB) को बनाए न रखने के लिए ग्राहक पर जुर्माना लगाते हैं। यह जुर्माना बैंक और खाते के प्रकार के आधार पर अलग-अलग होता है। अब इन चार बैंकों ने यह शर्त हटाकर ग्राहकों को काफी राहत दी है।
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