नई दिल्ली, 2 जून 2025: देश के कई हिस्सों में मानसून ने दस्तक दे दी है, लेकिन इसके साथ ही मौसम से जुड़ी चुनौतियां भी सामने आ रही हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तर प्रदेश के 14 जिलों में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। दूसरी ओर, नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। इसके अलावा, बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवात ‘शक्ति’ तटीय इलाकों के लिए खतरा बन सकता है।
उत्तर प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, कानपुर, आगरा, मेरठ, बरेली, झांसी, अयोध्या, बस्ती, बहराइच, सुल्तानपुर और आजमगढ़ में अगले 48 घंटों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन इलाकों में भारी बारिश, 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं और बिजली कड़कने की आशंका है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि निचले इलाकों में जलभराव और गंगा, यमुना, घाघरा जैसी नदियों के किनारे बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है।
हाल ही में उत्तर प्रदेश में तूफानी बारिश ने भारी नुकसान पहुंचाया है। विभिन्न जिलों में बिजली गिरने और मकान ढहने से 22 से 45 लोगों की मौत की खबरें सामने आई हैं। प्रभावित परिवारों के लिए राज्य सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है, और प्रशासन को नदियों के जलस्तर पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
किसानों के लिए यह बारिश खरीफ फसलों जैसे धान और गन्ने के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन विशेषज्ञों ने अत्यधिक बारिश से फसलों को नुकसान की आशंका भी जताई है। प्रशासन ने किसानों को खेतों में पानी निकासी की व्यवस्था करने की सलाह दी है। शहरी इलाकों में जलभराव से बचने के लिए नालों की सफाई और ट्रैफिक प्रबंधन पर जोर दिया जा रहा है।
नॉर्थ-ईस्ट में बाढ़ और भूस्खलन की तबाही
नॉर्थ-ईस्ट के असम, मेघालय, मणिपुर, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम और त्रिपुरा में भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। IMD के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र और चक्रवाती गतिविधियों के कारण 12 से 16 मई तक इन राज्यों में भारी से अति भारी बारिश दर्ज की गई।
असम में ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिसके चलते 29 जिलों के 2800 गांव जलमग्न हो गए हैं और 46 लोगों की मौत हो चुकी है। मिजोरम में भूस्खलन से कम से कम 21 लोगों की जान गई, जबकि सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में सड़कें अवरुद्ध होने से राहत कार्यों में बाधा आ रही है।
मणिपुर की राजधानी इंफाल में सड़कें नदियों में तब्दील हो गई हैं, और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। केंद्र और राज्य सरकारों ने राहत कार्यों में तेजी लाई है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और भारतीय सेना प्रभावित इलाकों में राहत शिविर स्थापित कर रही है, जहां बेघर लोगों को भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं दी जा रही हैं।
चक्रवात ‘शक्ति’ की आशंका
बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवात ‘शक्ति’ तटीय राज्यों के लिए नई चुनौती बन सकता है। IMD के अनुसार, 13 मई को दक्षिण बंगाल की खाड़ी और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के ऊपर एक ऊपरी हवाओं का चक्रवाती परिसंचरण देखा गया, जो 23-28 मई के बीच चक्रवात ‘शक्ति’ में तब्दील हो सकता है। यह चक्रवात ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के खुलना व चट्टोग्राम तटों को प्रभावित कर सकता है। तटीय इलाकों में भारी बारिश, 70-90 किमी/घंटे की रफ्तार से हवाएं और बाढ़ का खतरा है।
IMD ने तटीय राज्यों के प्रशासन को मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह देने और आपदा प्रबंधन की तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि अभी यह केवल एक चक्रवाती परिसंचरण है, और लोग अफवाहों पर ध्यान न दें।
मौसम विभाग की सलाह
मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। कुछ जरूरी सुझाव इस प्रकार हैं:
- भारी बारिश के दौरान घरों में रहें और बिजली के उपकरणों का इस्तेमाल सावधानी से करें।
- नदियों, नालों और बांधों के पास न जाएं।
- बिजली गिरने की स्थिति में पेड़ों या खुले मैदानों से दूर रहें।
- तटीय इलाकों में रहने वाले लोग चक्रवात से संबंधित अपडेट्स पर नजर रखें।
- आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।
उत्तर प्रदेश और नॉर्थ-ईस्ट में मौसम की स्थिति पर नजर रखने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें समन्वय कर रही हैं। राहत कार्यों के लिए केंद्र ने अतिरिक्त फंड और संसाधन उपलब्ध कराए हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिसके चलते प्रशासन और जनता को सतर्क रहने की जरूरत है।