Pahalgam attack : सुरक्षा ग्रिड का स्पष्ट संदेश – अब आतंकवाद ही नहीं, पाकिस्तान को भी देना होगा जवाब
पहलगाम Pahalgam attack में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी है। इस हमले के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों और खुफिया तंत्र ने कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अब केवल आतंकवादियों को ही नहीं, बल्कि उनके संरक्षक पाकिस्तान को भी सीधे जवाब देने की जरूरत है।

क्या हुआ था पहलगाम में?
- तारीख: हाल ही में पहलगाम के पास एक घातक आतंकी हमला हुआ।
- टारगेट: सुरक्षाबलों के वाहन पर हमला किया गया।
- नतीजा: कई जवान घायल हुए, अलर्ट बढ़ा दिया गया।
- हमले की प्रकृति: पहले से प्लान किया गया एंबुश (Ambush) अटैक।
हमले के बाद क्या बदला?
- सुरक्षा एजेंसियों ने कहा कि यह हमला पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की नई लहर का हिस्सा है।
- सुरक्षा ग्रिड अब “प्रतिकारात्मक कार्रवाई” की नीति की ओर बढ़ रहा है।
- यह माना जा रहा है कि यह हमला एलओसी पार से संचालित मॉड्यूल के जरिये अंजाम दिया गया।
सुरक्षा एजेंसियों की रणनीति:
1. एलओसी पर सख्ती
- अब एलओसी पर जवाबी कार्रवाई की संभावना पर विचार किया जा रहा है।
- घुसपैठ रोधी अभियान तेज़ किए जाएंगे।
2. इंटेलिजेंस नेटवर्क मज़बूत
- स्थानीय आतंकियों की पहचान और निगरानी के लिए तकनीकी और मानवीय खुफिया तंत्र को मजबूत किया जाएगा।
3. एयर सर्विलांस और UAVs
- ड्रोन और एयर सर्विलांस के जरिये संदिग्ध मूवमेंट पर पैनी नजर।
4. टारगेटेड ऑपरेशन
- जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के लोकल स्लीपर सेल्स पर टारगेटेड एक्शन।

राजनीतिक प्रतिक्रिया:
- केंद्र सरकार ने राज्य प्रशासन और सेना के साथ आपात बैठक की।
- गृहमंत्री ने कहा, “हमले का जवाब मिलेगा, समय और स्थान हम तय करेंगे।”
विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं?
“यह केवल आतंकवादियों का हमला नहीं था, यह पाकिस्तान द्वारा भेजा गया संदेश था। हमें अब सिर्फ डिफेंसिव नहीं, बल्कि ऑफेंसिव अप्रोच लेनी चाहिए।”
— रक्षा विश्लेषक
Pahalgam attack सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि एक बड़ी चेतावनी है। सुरक्षा तंत्र ने अब स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि आने वाले समय में पाकिस्तान को कूटनीतिक और सामरिक स्तर पर कड़ा जवाब दिया जा सकता है।