भारत के रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज श्रीनगर में सशस्त्र बलों के साथ बातचीत की और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर उन्हें बधाई दी। इस अवसर पर उन्होंने पाकिस्तान की परमाणु हथियारों से जुड़ी गैर-जिम्मेदाराना हरकतों पर गंभीर सवाल उठाए और कहा कि “क्या परमाणु हथियार ऐसे ‘दुष्ट राष्ट्र‘ के हाथों में सुरक्षित हैं?”
परमाणु धमकियों की परवाह तक नहीं की
रक्षामंत्री ने कहा, “दुनिया जानती है कि हमारी सेना का निशाना अचूक होता है, और जब हम वार करते हैं, तो दुश्मन ही नुकसान की गिनती करता है। आज भारत आतंकवाद के खिलाफ जिस संकल्प के साथ खड़ा है, वह इस बात से स्पष्ट है कि हमने दुष्ट राष्ट्र पाकिस्तान की परमाणु धमकियों की परवाह तक नहीं की। पूरी दुनिया ने देखा है कि पाकिस्तान ने कितनी गैर-जिम्मेदाराना ढंग से भारत को परमाणु हमले की धमकी दी है। मैं आज श्रीनगर की धरती से पूछना चाहता हूँ – क्या ऐसे देश के पास परमाणु हथियार सुरक्षित हैं?”
उन्होंने यह भी मांग की कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निगरानी में लिया जाना चाहिए।
सशस्त्र बलों के पराक्रम को सफलता का श्रेय दिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और सशस्त्र बलों के पराक्रम को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का श्रेय देते हुए कहा, “मैं रक्षामंत्री हूँ, लेकिन उससे पहले मैं भारत का नागरिक हूँ। जम्मू-कश्मीर की जनता ने पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर जो गुस्सा दिखाया है, वह पूरे देश को गौरवान्वित करता है।”
अपने संबोधन की शुरुआत उन्होंने “भारत माता की जय” के उद्घोष से की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ते हुए शहीद हुए वीर जवानों, पहलगाम में मारे गए निर्दोष नागरिकों, और घायल सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने सीमा पार से हुई गोलीबारी में गिरे गोले भी निरीक्षण किए।
यह दौरा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के हालिया आदमपुर एयरबेस दौरे के कुछ दिनों बाद हुआ है