आईएमडी ने दी चेतावनी, गर्मी के दिनों में जब तक जरूरी न हो न निकलें बाहर
नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने चेतावनी दी है कि भीषण गर्मी में दिल्ली का दिन का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक आपातकालीन सलाह जारी की है जिसमें नागरिकों से सबसे गर्म घंटों के दौरान घर के अंदर रहने को कहा गया है। उत्तर-पश्चिमी भारत को प्रभावित करने वाली लंबी हीटवेव के हिस्से के रूप में राजधानी के लिए ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। आईएमडी बुलेटिन का पूर्वानुमान है कि दिन का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है, जबकि रात के समय तापमान 29 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा।
उच्च आर्द्रता के कारण असुविधा और बढ़ सकती है, ‘महसूस होने वाला’ तापमान और भी अधिक हो सकता है, जिससे गर्मी से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। घर के अंदर रहें, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, अधिक मेहनत वाले कामों से बचें, बच्चों और पालतू जानवरों के लिए सावधानी बरतें, अगर किसी में हीटस्ट्रोक के लक्षण दिखें तो तुरंत 108 या 102 पर कॉल करें।
भीषण गर्मी में 43.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज तक पहुंचा तापमान
मंत्रालय द्वारा साझा किए गए एक इन्फोग्राफिक में इन सावधानियों को और अधिक विस्तार से बताया गया है, जिसमें हल्के, ढीले-ढाले, हल्के रंग के कपड़े पहनना और अपने सिर को टोपी या छाते से ढकना जैसे सुझाव शामिल हैं। इससे पहले मंगलवार को दिल्ली में इस मौसम का सबसे अधिक तापमान 43.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य औसत से 3.6 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जो मौजूदा मौसम की गंभीरता को दर्शाता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 12 जून के बाद ही धीरे-धीरे राहत मिलनी शुरू हो सकती है।

गर्मी में खुद को बचाने के लिए करें छाते का इस्तेमाल
शहर के एक प्रमुख अस्पताल के डॉ. अतुल कक्कड़ ने बताया कि स्थानीय आपातकालीन कक्षों में गर्मी से थकावट, हीटस्ट्रोक, गंभीर निर्जलीकरण, गैस्ट्रोएंटेराइटिस और पीलिया से संबंधित मामलों में वृद्धि देखी गई है। उन्होंने सलाह दी, ‘धूप में कम से कम निकलें, लंबी आस्तीन के कपड़े पहनें या खुद को बचाने के लिए छाते का इस्तेमाल करें। पानी से भरपूर पेय पदार्थों और फलों का सेवन करके हाइड्रेटेड रहें।’ दिल्ली इन अत्यधिक गर्मी की परिस्थितियों से जूझ रही है, इसलिए अधिकारी और स्वास्थ्य विशेषज्ञ दोनों इस बात पर जोर दे रहे हैं कि इन व्यावहारिक दिशानिर्देशों का पालन करने से जोखिम को कम करने और निवासियों को चरम गर्मी के घंटों के दौरान सुरक्षित रखने में मदद मिल सकती है।