घर से नकारात्मक वस्तुएं तुरंत हटाएं
पितृपक्ष(Pitru Paksha) हिंदू धर्म में पूर्वजों की स्मृति और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का पवित्र काल माना जाता है। इस वर्ष पितृपक्ष 7 सितंबर 2025, रविवार से शुरू हो रहा है। मान्यता है कि इस दौरान पितर स्वर्ग लोक से धरती पर आते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। लेकिन शास्त्रों के अनुसार इस समय घर में कुछ वस्तुओं का रखा होना अशुभ परिणाम ला सकता है और जीवन(Life) में बाधाएं उत्पन्न कर सकता है। इसलिए इन चीजों को पितृपक्ष शुरू होने से पहले हटा देना चाहिए।
खंडित सामान और टूटे बर्तन न रखें
पितृपक्ष(Pitru Paksha) से पहले घर में टूटे या चटके हुए बर्तनों को निकाल देना शुभ माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि इनका घर में रहना सुख-समृद्धि में बाधा डालता है और पारिवारिक जीवन में कष्ट ला सकता है।
इसी प्रकार घर में खंडित मूर्तियों को रखना भी वर्जित बताया गया है। इनकी पूजा करने से देवता रुष्ट हो सकते हैं और वास्तु दोष उत्पन्न होता है। इसलिए पितृपक्ष आने से पहले इन्हें अवश्य हटा देना चाहिए।
कबाड़ और सूखे पौधों से बचें
इस पावन काल में घर की पूरी साफ-सफाई करना आवश्यक है। यदि घर में कबाड़ जमा है तो उसे बाहर निकालना ही उचित होगा। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और पितर प्रसन्न होते हैं।
घर में सूखे या मुरझाए पौधों को भी नहीं रखना चाहिए। खासतौर पर सूखी तुलसी अशुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इनसे दरिद्रता और नकारात्मकता का आगमन होता है।
मुख्य द्वार की स्वच्छता का महत्व
पितृपक्ष में घर के मुख्य द्वार(Main Entrance) को विशेष रूप से स्वच्छ रखना चाहिए। दरवाजे पर गंदगी या अनुपयोगी सामान रखने से पूर्वज और देवता अप्रसन्न हो सकते हैं।
घर का आंगन और प्रवेश द्वार साफ-सुथरा रहने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसलिए इस समय विशेष रूप से साफ-सफाई पर ध्यान देना चाहिए।
पितृपक्ष में खंडित मूर्तियां क्यों नहीं रखनी चाहिए?
शास्त्रों में बताया गया है कि खंडित मूर्तियां रखने से घर में वास्तु दोष उत्पन्न होता है और देवताओं की कृपा नहीं मिलती। यह स्थिति जीवन में अशांति और बाधाओं का कारण बन सकती है।
घर के मुख्य द्वार की साफ-सफाई क्यों आवश्यक है?
पितृपक्ष में पूर्वज और देवता घर के आंगन व मुख्य द्वार से ही प्रवेश करते हैं। यदि वहां गंदगी या अनुपयोगी सामान होगा तो वे नाराज हो सकते हैं और आशीर्वाद के बजाय बाधाएं दे सकते हैं।
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