राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupdi Murmu) ने राज्यसभा के लिए चार लोगों को मनोनीत किया है. इन नामों में उज्ज्वल देवराव निकम का नाम भी शामिल है. उज्ज्वल निकम ने 26/11 मुंबई हमले (Mumbai Attack) जैसे कई हाई-प्रोफाइल आपराधिक मामलों में सरकारी वकील के रूप में भूमिका निभाई है. वहीं, हर्षवर्धन श्रृंगला विदेश सचिव रह चुके हैं और विदेश नीति के क्षेत्र में उन्हें गहरा अनुभव है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए राज्यसभा के लिए चार प्रतिष्ठित व्यक्तियों को मनोनीत किया है. इन नामित सदस्यों में उज्ज्वल देवराव निकम शामिल हैं, जो एक प्रसिद्ध विशेष सरकारी वकील हैं और कई हाई-प्रोफाइल आपराधिक मामलों में अपनी भूमिका के लिए जाने जाते हैं. इनके साथ सी. सदानंदन मास्टे (केरल के वरिष्ठ समाजसेवी और शिक्षाविद), हर्षवर्धन श्रृंगला (भारत के पूर्व विदेश सचिव रह चुके हैं), मीनाक्षी जैन (एक प्रख्यात इतिहासकार और शिक्षाविद) को मनोनीत किया गया है. ये नामांकन राज्यसभा के पूर्व नामित सदस्यों के सेवानिवृत्त होने के बाद रिक्तियों की पूर्ति के लिए किए गए हैं.
कसाब को फांसी की सजा दिलवाई थी उज्ज्वल निकम ने
उज्ज्वल निकम का जन्म 30 मार्च 1953 को महाराष्ट्र (Maharastra) के जलगांव में हुआ था. उनके पिता देवराव माधवराव निकम वकील थे और मां विमलादेवी स्वतंत्रता सेनानी थीं. उज्ज्वल निकम ने पहले साइंस में ग्रैजुएशन किया और फिर जलगांव के एसएस मनियार लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री ली. वह देश के कई बड़े आपराधिक मामलों में सरकारी वकील रहे हैं. 1991 में उन्होंने कल्याण बम धमाके के आरोपी रविंदर सिंह को सजा दिलाई. उनका करियर 1993 में मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट मामले से नया मोड़ लेता है. 26/11 हमले में पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब के मुकदमे में भी उन्होंने सरकारी वकील के रूप में बहस की और कसाब को फांसी की सजा दिलवाई.
राज्यसभा में 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80 के अनुसार राज्यसभा में अधिकतम 250 सदस्य हो सकते हैं. इनमें से 238 सदस्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से चुने जाते हैं, वहीं 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं. ये नामांकन अनुच्छेद 80(1)(a) और 80(3) के तहत किए जाते हैं. राष्ट्रपति केवल उन्हीं लोगों को राज्यसभा में नामित कर सकते हैं जिन्होंने साहित्य, विज्ञान, कला या सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में विशेष योगदान दिया हो.
संसदीय जीवन के लिए मेरी शुभकामनाएं : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, “श्री उज्ज्वल निकम का कानूनी क्षेत्र और हमारे संविधान के प्रति समर्पण अनुकरणीय है. वह न केवल एक सफल वकील रहे हैं, बल्कि महत्वपूर्ण मामलों में न्याय दिलाने में भी सबसे आगे रहे हैं. अपने पूरे कानूनी करियर के दौरान, उन्होंने हमेशा संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने के लिए काम किया है कि आम नागरिकों के साथ हमेशा सम्मान से पेश आया जाए. यह खुशी की बात है कि भारत के राष्ट्रपति ने उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया है. उनके संसदीय जीवन के लिए मेरी शुभकामनाएं.” पीएम मोदी ने अन्य तीन लोगों को भी शुभकामनाएं दी जिन्हें राष्ट्रपति ने मनोनीत किया है.
भारत में कुल कितने राष्ट्रपति हैं?
1 भारत के राष्ट्रपति पद की स्थापना भारतीय संविधान के द्वारा की गयी है। इन 14 राष्ट्रपतियों के अलावा 3 कार्यवाहक राष्ट्रपति भी हुए है जो पदस्थ राष्ट्रपति की मृत्यु के बाद बनाये गए है।
राष्ट्रपति पद पर रहते हुए मृत्यु हुई किसकी?
भारत में, यदि राष्ट्रपति का पद पर रहते हुए निधन हो जाता है, तो उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालते हैं। यदि उपराष्ट्रपति भी उपलब्ध नहीं हैं, तो भारत के मुख्य न्यायाधीश या सर्वोच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते हैं. इस तरह, सर्वोच्च पद की निरंतरता सुनिश्चित की जाती है.
Read more : Rajasthan: उपराष्ट्रपति धनखड़ बोले : कुकुरमुत्ते की तरह उग रहे हैं कोचिंग सेंटर