जीआरपी प्रमुखों का छठा अखिल भारतीय सम्मेलन संपन्न
नई दिल्ली। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के समन्वय में रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) के साथ राजकीय रेलवे पुलिस प्रमुखों का 6वां अखिल भारतीय सम्मेलन नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम यात्री सुरक्षा, अपराध कम करने की रणनीतियों और बेहतर रेलवे सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण जनशक्ति आवश्यकताओं पर विचार-विमर्श करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों और सुरक्षा बलों का नेतृत्व करने वालों को एक मंच पर लाया।
महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए आरपीएफ के प्रयासों की भी सराहना
सम्मेलन की शुरुआत रेलवे बोर्ड (Railway Board) के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सतीश कुमार के उद्बोधन के साथ हुई, जिन्होंने यात्री शिकायतों और मामलों के दर्ज करने पर विशेष ध्यान देने के साथ देश भर में लाखों रेल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में जीआरपी और आरपीएफ के बीच सहयोगात्मक दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते, ऑपरेशन आहट और मेरी सहेली जैसी विभिन्न पहलों के माध्यम से रेलवे में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आरपीएफ के प्रयासों की भी सराहना की। अपने स्वागत भाषण में, डीजी आरपीएफ श्री मनोज यादव ने उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए, विशेष रूप से बढ़ते यात्री अपराधों को संभालने में सुरक्षा ढांचे के आधुनिकीकरण की आवश्यकता पर बल दिया।
जीरो एफआईआर के कुशल प्रबंधन पर चर्चा
चर्चाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रेल मदद पोर्टल पर दर्ज यात्री शिकायतों और वास्तविक रूप से दर्ज किए जा रहे मामलों के तुलनात्मक विश्लेषण के इर्द-गिर्द केंद्रित रही। जिसमें रेलवे में होने वाले बड़े अपराधों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। नए आपराधिक कानूनों का कार्यान्वयन एक प्रमुख केंद्र बिंदु था, जिसमें जीरो एफआईआर के कुशल प्रबंधन और राज्यों में तेजी से अपराध रिपोर्टिंग, सुव्यवस्थित साक्ष्य प्रबंधन और प्रभावी जांच को सुविधाजनक बनाने के लिए ई-एफआईआर सिस्टम के एकीकरण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया।
रेलवे सुरक्षा के लिए नए बेंचमार्क स्थापित करते रहना चाहिए: डीजी आरपीएफ
अपने समापन भाषण में, डीजी आरपीएफ मनोज यादव ने सम्मेलन की सहयोगात्मक भावना की सराहना करते हुए कहा कि “इस सम्मेलन ने रेलवे सुरक्षा को मजबूत करने के हमारे सामूहिक संकल्प की पुष्टि की है। मैनपॉवर की चुनौतियों का समाधान करके, हमारी प्रणालियों का आधुनिकीकरण करके और हमारी अपराध प्रतिक्रिया तंत्र में सुधार करके, हम लाखों यात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने की दिशा में निर्णायक कदम उठा रहे हैं। इस यात्रा में राज्यों के जीआरपी की भूमिका और भारतीय रेलवे के साथ उनकी साझेदारी महत्वपूर्ण है और हमें मिलकर रेलवे सुरक्षा के लिए नए बेंचमार्क स्थापित करते रहना चाहिए।”