अयोध्या में राम मंदिर के पहले तल पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई। दीपोत्सव के बाद श्रद्धालु राजा राम का दर्शन कर सकेंगे।
राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूजा अर्चना शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, अभी आम श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसकी वजह मंदिर परिसर में अभी निर्माण कार्य चल रहा है। दीपोत्सव के बाद ही श्रद्धालु राजा राम के दर्शन कर सकेंगे। सात जून को श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट की बैठक होने वाली है, जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे।
धार्मिक आयोजन में योगी और तीर्थ क्षेत्र न्यासी की उपस्थिति
राम मंदिर के पहले तल पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इसमें भगवान राम, माता सीता, उनके भाई लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी विराजमान हैं। गंगा दशहरा और सेतुबंध रामेश्वरम की स्थापना दिवस पर हुए इस धार्मिक आयोजन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी भी उपस्थित थे।
गर्भगृह की दीवारों पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियां
राम दरबार में भगवान राम धनुष के साथ सिंहासन पर बैठे हैं, उनके साथ माता सीता भी हैं। दाहिनी ओर हनुमान जी और बायीं ओर भरत जी वीरासन में बैठे हैं। पार्श्व में भगवान राम के दाहिने लक्ष्मण जी और माता सीता के बाएं शत्रुघ्न जी खड़े हैं। मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियां बनाई गई हैं।
एक साथ प्राण प्रतिष्ठा
सुबह साढ़े छह बजे से देवों के उत्सव विधियों के साथ यज्ञमंडप में पूजन शुरू हुआ। पूजन पूरी होने के बाद नौ बजे से हवन शुरू हुआ। यह एक घंटा चला। केंद्रीय प्रशासन के तहत एक साथ सभी देवताओं में प्राण प्रतिष्ठा का अनुकरण शुरू हुआ।
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