MAU विधानसभा सीट पर राजभर या बीजेपी, किसका कितना दावा?

By Vinay | Updated: June 3, 2025 • 11:23 AM

उत्तर प्रदेश के सबसे चर्चित और बाहुबली माफिया मुख़्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी के निर्वाचन रद्द होने के बाद बीजेपी और SBSP पार्टी के नेताओं में इस सीट को लेकर लालसा बढ़ती देखी जा सकती है। एक तरफ बीजेपी के मंत्री एके शर्मा का नाम प्रमुखता से आ रहा है वही पूर्व प्रत्याशी अशोक सिंह भी इस मैदान में मजबूत दावेदार के रूप में देखे जा सकते है।

वही बात करे राजभर के पार्टी SBSP की तो आज लखनऊ में उन्होंने साफ कर दिया है की, अब्बास अंसारी के सीट के लिए वो ऊपरी न्यायलय का दरवाजा खटखटाएंगे। हाला की अभी अब्बास अंसारी के पास ६ महीने का समय है अगर इन ६ महीने के अंदर ऊपरी न्यायलय अब्बास अंसारी की बात सुनकर स्टे दे देती है तो उपचुनाव के साथ राजभर की एक सीट भी बच जाएगी। अन्यथा बीजेपी पूरी तयारी कर चुकी है.

अब्बास अंसारी को दो साल की सजा, विधानसभा सदस्यता रद्द :

चुनावी भाषण में अधिकारियों को धमकाने के मामले में सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी दोषी ठहराए गए हैं. उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई है. इसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है. अब्बास अंसारी मऊ सदर सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के टिकट पर चुनाव जीते थे.

अंसारी की सदस्यता जाने के बाद अब मऊ सीट पर उपचुनाव की संभावना है.इसे देखते हुए मऊ सीट पर दावेदारी तेज हो गई है. सुभासपा सत्तारूढ़ एनडीए में शामिल है. उसने इस सीट पर दावा ठोका है. वहीं बीजेपी भी इस सीट के लिए इच्छुक बताई जा रही है.

किस मामले में हुयी थी सजा ?

मऊ सदर सीट से सुभासपा के विधायक और पूर्व बाहुबली राजनेता मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने नफरती भाषण मामले में दोषी करार देते हुए शनिवार को दो साल की सजा सुनाई थी.इसके बाद सुभासपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा है कि अब्बास अंसारी उनकी पार्टी के विधायक हैं.

अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है.हम अपना पक्ष रखने के लिए हाई कोर्ट जाएंगे. उनका कहना है कि उपचुनाव की सूरत में उनकी ही पार्टी चुनाव लड़ेगी, लेकिन अंसारी परिवार से किसी को उम्मीदवार नहीं बनाएगी.

मई विधानसभा सीट की राजनीति

अब्बास अंसारी ने 2022 का विधानसभा चुनाव सुभासपा के टिकट पर जीता था. चुनाव के बाद सुभासपा ने सपा से गठबंधन तोड़कर बीजेपी से हाथ मिला लिया था. हालांकि बात इतनी सीधी भी नहीं है. क्योंकि चुनाव जीतने के बाद अब्बास अंसारी ने कहा था कि उन्हें सपा के कोटे से टिकट मिला था. दरअसल विधानसभा चुनाव में सपा ने अपने कई नेताओं को अपनी साथी पार्टियों से चुनाव लड़वाया था.

मऊ में भी यह राजनीति हुई थी. मऊ में अब्बास अंसारी ने सुभासपा के टिकट पर बीजेपी के अशोक कुमार सिंह को हराया था. अंसारी को एक लाख 24 हजार 691 वोट को बीजेपी के अशोक कुमार सिंह को  86 हजार 575 मिले थे. बीएसपी के भीम 44 हजार 516 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे. 

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