बिहार की पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा (Renu Kushawaha) राजद में शामिल हो गई हैं. लोकसभा चुनाव (Loksabha Election)में टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने भाजपा (BJP)से इस्तीफा दे दिया था. इस दौरान तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर ओबीसी विरोधी होने का आरोप लगाया.
पटना. बिहार की पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा ने राष्ट्रीय जनता दल का दामन थाम लिया. उन्होंने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की मौजूदगी में अपने समर्थकों के साथ पार्टी की सदस्यता ली. विधानसभा चुनावों से कुछ ही महीने पहले उनके राजद में शामिल होने को राज्य की सियासत में एक बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है. रेणु कुशवाहा का राजनीतिक जीवन कई दलों से होकर गुजरा है. रेणु कुशवाहा ने अपना राजनीतिक सफर जदयू से शुरू किया था. भाजपा और लोजपा का दामन थामने के बाद अब वो राजद की सदस्य बनी हैं.
नीतीश कुमार की कैबिनेट में थी शामिल
एक समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की करीबी नेता रही रेणु कुशवाहा जनता दल (यूनाइटेड) में 2014 तक सक्रिय रहीं. बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गईं, जहां से उन्होंने अपने पति को मधेपुरा से टिकट दिलाकर चुनाव लड़वाया, हालांकि सफलता नहीं मिल पाई. 2019 में खगड़िया लोकसभा सीट से टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने बीजेपी से किनारा कर लिया. वह पहले इसी सीट का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. इसके बाद उन्होंने चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का दामन थामा, लेकिन टिकटों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाकर 2023 में इस्तीफा दे दिया.
क्या मिलेगा कोई बड़ा रोल
रेणु कुशवाहा का राजद में आना यह संकेत देता है कि पार्टी महिला और ओबीसी नेताओं को साथ लेकर एक बड़ा सामाजिक समीकरण बनाने की तैयारी में है. विधानसभा चुनावों को लेकर राजद ने अबतक अपने संगठन में कई नए चेहरे शामिल किए हैं, जो समाज के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व करते हैं. रेणु कुशवाहा को राजद आगामी चुनाव में बड़ी भूमिका दे सकती है. उनका अनुभव, सामाजिक आधार और पूर्व के निर्वाचन क्षेत्रों में पकड़ पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. रेणु कुशवाहा के राजद में शामिल होने के साथ साथ ही राज्य की राजनीति में गठजोड़ और समीकरणों का नया दौर शुरू हो गया है, जो आने वाले दिनों में और दिलचस्प मोड़ ले सकता है.
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