तेलंगाना के मौसम विज्ञानी ने भयंकर तूफान की दी चेतावनी
हैदराबाद। सोमवार शाम हैदराबाद में भारी बारिश (Rain) और आंधी आई, जिससे यातायात ठप हो गया और शहर भर में व्यापक जलभराव हो गया। अचानक हुई तेज बारिश के कारण यात्री फंस गए तथा निचले इलाके जलमग्न हो गए तथा प्रमुख सड़कों (Road) पर जलभराव हो गया। सिकंदराबाद में, पैराडाइज, मर्रेडपल्ली और तरनाका जैसी सड़कें जलमग्न होने से शाम का व्यस्त आवागमन ठप हो गया। पैदल यात्रियों और दोपहिया वाहन चालकों को बाढ़ से बचने के लिए फ्लाईओवर और दुकानों के छज्जों के नीचे शरण लेने को मजबूर होना पड़ा।
अलवाल में भी तेज़ बारिश की खबर
रसूलपुरा, कापरा, आरपी रोड, एसपी रोड, पटनी चौराहा, हब्सीगुडा, डॉ. एएस राव नगर, नेरेडमेट, मलकाजगिरी, ईसीआईएल चौराहा और अलवाल में भी तेज़ बारिश की खबर है। स्थानीय अधिकारियों और यातायात पुलिस को अव्यवस्था को नियंत्रित करने और सड़कों पर जलभराव को दूर करने के लिए तैनात किया गया था। इस बीच, हैदराबाद के मौसम विशेषज्ञ टी बालाजी (तेलंगाना वेदरमैन ऑन एक्स) ने भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, ‘प्रिय हैदराबादवासियों! पूरे हैदराबाद शहर के लिए यह एक ख़तरनाक तूफ़ान होगा। मैं इसे फिर से दोहरा रहा हूँ। कृपया घर के अंदर रहें। भारी क्यूम्यलोनिम्बस विकसित हो रहा है। बहुत कम समय में 50 मिमी बारिश होने की उम्मीद है। कृपया सतर्क रहें।’

बारिश का असली नाम क्या है?
विज्ञान की दृष्टि से देखा जाए तो इसे वर्षा कहा जाता है। यह शब्द संस्कृत मूल का है और हिंदी में बारिश का औपचारिक रूप है। स्कूलों, किताबों और मौसम विभाग की भाषा में वर्षा ही सही या असली नाम के रूप में उपयोग होता है।
बारिश कितने प्रकार की होती है?
जलवायु विज्ञान में बारिश को मुख्यतः तीन भागों में बाँटा जाता है—संवहनात्मक वर्षा, पर्वतीय वर्षा और चक्रवातीय वर्षा। यह वर्गीकरण इस बात पर निर्भर करता है कि वर्षा किस प्रकार के वायुमंडलीय कारणों से होती है और किन क्षेत्रों में होती है।
बारिश की उत्पत्ति क्या है?
समुद्र, नदियों और धरती से जब पानी वाष्प बनकर ऊपर उठता है, तो यह ठंडे वातावरण में जाकर बादलों का रूप ले लेता है। जब ये बादल भारी हो जाते हैं और वाष्प जलकणों में बदल जाती है, तब वह जल बूंदों के रूप में गिरती है जिसे बारिश कहा जाता है।
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