भूकंप और सुनामी से मची तबाही
Tsunami : जापान और रूस में आए शक्तिशाली भूकंप (Earthquake) के बाद सुनामी (Tsunami) ने तटीय इलाकों में तबाही मचा दी। समुद्र की ऊंची लहरों ने कई घरों और संरचनाओं को नुकसान पहुंचाया, जिससे लोगों में डर और दहशत का माहौल फैल गया।
राहत और बचाव कार्य एजेंसियां अलर्ट पर
Tsunami : सरकारी एजेंसियां और आपदा प्रबंधन टीमें पूरी तरह सक्रिय हो गई हैं। राहत एवं बचाव कार्य जोरों पर हैं, और प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
स्केल पर 2 से 5 तीव्रता वाले 30 से अधिक बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रूस की समाचार एजेंसी- TASS की रिपोर्ट के अनुसार, एक क्षेत्रीय हवाई अड्डे को नुकसान हुआ है। कई लोगों को मामूली चोटें आने की सूचना भी मिली है।
भूकंप और सुनामी डरे-सहमे लोगों को अपने घरों की छतों पर देखा गया।
रूस और जापान के कई इलाकों में भूकंप-सुनामी के कारण अलर्ट जारी किया गया है। धरती कांपने के साथ-साथ समुद्र में उठने वाली लहरों को देखकर लोग अपने घरों से बाहर निकल आए हैं और सहमे हुए लोग आपदा या त्रासदी की आशंका में जी रहे हैं।
कई इलाकों में भूकंप-सुनामी के कारण जारी किए गए अलर्ट के बाद अफरा-तफरी जैसा माहौल भी दिखा। रूस और जापान के अलग-अलग हिस्सों से आने वाली ऐसी ही एक तस्वीर में वाहनों की लंबी कतारें देखी गई।
समुद्री इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कहा गया है। लगातार लग रहे भूकंप के झटकों के कारण समुद्र में सामान्य से ऊंची लहरें उठ रही हैं। राहत और बचाव कार्य चलाने वाली एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा जा रहा है।
प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने बताया कि हवाई, चिली, जापान और सोलोमन द्वीप समूह के कुछ तटीय क्षेत्रों में ज्वार स्तर से 1 से 3 मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं। रूस और इक्वाडोर के कुछ तटीय क्षेत्रों में 3 मीटर से भी ऊंची लहरें उठ सकती हैं।
जापान में इतने भूकंप क्यों आते हैं?
पृथ्वी की सतह कठोर प्लेटों से ढकी हुई है जो धीरे-धीरे गति करती हैं। इन प्लेटों की गति ही भूकंप का कारण बनती है। जापान के आसपास के क्षेत्र में इनमें से चार प्लेटें आपस में टकराती हैं। यही कारण है कि जापान में भूकंप आना आम बात है।
जापान में फुकुशिमा भूकंप कब आया था?
11 मार्च, 2011 को जापान ट्रेंच पर होन्शू के उत्तर-पूर्वी तट पर 9.1 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप से उत्पन्न सुनामी 30 मिनट के भीतर तट पर पहुँच गई, जिससे समुद्री दीवारें उखड़ गईं और कुछ ही दिनों में तीन परमाणु रिएक्टर निष्क्रिय हो गए।