J&K : अमरनाथ यात्रा के काफिले में कई बसों की टक्कर

By Surekha Bhosle | Updated: July 13, 2025 • 2:36 PM

जम्मू-श्रीनगर (Jammu and Kashmir) नेशनल हाईवे से होकर यात्री अमरनाथ जा रहे हैं. यहां से श्रद्धालु बसों से सवार होकर अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) के लिए बढ़ रहे हैं। आज कुलगाम के खुदवानी इलाके में अमरनाथ यात्रा के काफिले की कई बसों की आपस में टक्कर हो गई. इस हादसे में 10 से ज्यादा श्रद्धालु घायल बताए जा रहे हैं

यह पूरा हादसा टैचलू क्रॉसिंग के पास उस समय हुआ जब बालटाल की ओर जा रहे यात्रा काफिले की बसें आपस में टकरा गईं। वहीं हादसे के बाद घायल तीर्थयात्रियों को तुरंत पास के एक अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया। गंभीर रूप से घायल श्रद्धालुओं को अनंतनाग स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) भेज दिया गया।

हालांकि घायल श्रद्धालुओं में से किसी को कोई गंभीर चोट नहीं आई है. कई बसों के आगे का कांच टूट गया। घायल यात्रियों को अस्पताल भेज कर बाकी बचे यात्रियों को दूसरे वाहनों में शिफ्ट किया गया है। हादसे की जानकारी मिलते ही कुलगाम पुलिस और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू कर दी है।

पहले भी हो चुका है हादसा

अमरनाथ यात्रा Amarnath Yatra की शुरुआत के दो बाद ही 5 जुलाई को भी 3 बसों की टक्कर हुई थी. इस हादसे में 36 यात्री घायल हुए थे। उस दौरान एक बस के ब्रेक फेल होने के कारण टक्कर हुई थी।

कड़ी सुरक्षा के बीच हो रही यात्रा

यात्रा की औपचारिक शुरुआत 3 जुलाई को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने की थी। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों के मारे जाने के बीच अमरनाथ यात्रा कड़ी सुरक्षा के बीच हो रही है. जम्मू शहर में 34 आवासीय केंद्र बनाए गए हैं और श्रद्धालुओं को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) टैग जारी किए जा रहे हैं। अमरनाथ यात्रा के पूरे रूट की निगरानी सुरक्षाबलों की तरफ से की जा रही है।

1.83 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री कर चुके दर्शन

अमरनाथ यात्रा को शुरू हुए करीब 10 दिन हो चुके हैं. 10 वें दिन करीब 19,020 श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा में हिम शिवलिंग के दर्शन किए। यात्रा की शुरुआत से अब तक की बात करें तो 1.83 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री पवित्र गुफा मंदिर में दर्शन कर चुके हैं।

जम्मू-कश्मीर की समस्या क्या है?

आज कश्मीर में आधे क्षेत्र में नियंत्रण रेखा है तो कुछ क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा।अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगातार फायरिंग और घुसपैठ होती रहती है। इसके बाद पाकिस्तान ने अपने सैन्य बल से 1965 में कश्मीर पर कब्जा करने का प्रयास किया जिसके चलते उसे मुंह की खानी पड़ी। इस युद्ध में पाकिस्तान की हार हुई।

कश्मीर के मूल निवासी कौन थे?

कश्मीर की मूल आबादी इस्लाम के आगमन से पहले मुख्यतः हिंदू थी, जिसमें ब्राह्मणों का एक बड़ा वर्ग था जिन्हें ‘पंडित’ कहा जाता था. कश्मीरी पंडित, कश्मीर घाटी के पंच गौड़ ब्राह्मण समूह से संबंधित थे. उच्च शिक्षा, विद्वत्ता और प्रशासनिक कार्यों में आमे माने जाते थे।

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