दक्षिण अमेरिकी (South America) देश सूरीनाम में एक नया इतिहास रच दिया गया है। सूरीनाम की संसद ने जेनिफर सायमंस (jennifer symons) को देश की पहली महिला राष्ट्रपति चुनकर एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। सायमंस को ऐसे समय में यह सर्वोच्च पद मिला है
दक्षिण अमेरिकी देश सूरीनाम में एक नया इतिहास रच दिया गया है। सूरीनाम की संसद ने जेनिफर सायमंस को देश की पहली महिला राष्ट्रपति चुनकर एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। सायमंस को ऐसे समय में यह सर्वोच्च पद मिला है जब हाल ही में हुए संसदीय चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष को लगभग बराबर सीटें मिली हैं जिससे यह चुनाव और भी दिलचस्प हो गया था।
कांटे की टक्कर वाला संसदीय चुनाव
25 मई को हुए संसदीय चुनाव में जेनिफर सायमंस की विपक्षी नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी (National Democratic Party) ने 18 सीटें हासिल कीं जबकि वर्तमान राष्ट्रपति चान संतोखी की प्रोग्रेसिव रिफॉर्म पार्टी को 17 सीटें मिलीं। बाकी की 16 सीटें अन्य छोटे दलों के खाते में गईं। इस करीबी मुकाबले ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर काफी उत्सुकता बढ़ा दी थी।
अप्रत्यक्ष चुनाव प्रक्रिया और दो-तिहाई बहुमत की चुनौती
सूरीनाम में राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है। आम चुनाव के बाद नेशनल असेंबली के सदस्य राष्ट्रपति पद के लिए मतदान करते हैं। इस चुनाव को जीतने के लिए उम्मीदवार को दो-तिहाई बहुमत हासिल करना अनिवार्य होता है। ऐसे में जेनिफर सायमंस का चुनाव यह दर्शाता है कि उन्होंने विभिन्न दलों के सदस्यों का समर्थन हासिल करने में सफलता पाई है। जेनिफर सायमंस का राष्ट्रपति बनना सूरीनाम के राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव है और यह देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
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