एसएमबीसी यस बैंक डील: जापान की प्रमुख वित्तीय संस्था सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (SMBC) अब भारत के बैंकिंग सेक्टर में बड़ी एंट्री करने जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एसएमबीसी और यस बैंक के बीच 51% भागीदारी खरीदने को लेकर एडवांस लेवल की बातचीत चल रही है।
मंगलवार को इस जानकारी के चलते यस बैंक के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। एनएसई पर हिस्सा 9.6% तक पहुंचा, हालांकि बाद में थोड़ी गिरावट के साथ 18.11 रुपये पर आ गया।
सौदा की वैल्यू और रणनीति
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस डील की संभावित वैल्यू 1.7 बिलियन डॉलर आंकी गई है। अगर यह डील फाइनल होती है, तो यह भारत के बैंकिंग सेक्टर में अब तक की सबसे बड़ी रणनीतिक भागीदारी सौदा होगी।
एसएमबीसी के पास दो विकल्प हैं:
- या तो 26% से कम हिस्सेदारी सीधे खरीदी जाए और बाद में मर्जर किया जाए।
- या फिर 26% हिस्सेदारी लेकर ओपन ऑफर लाया जाए, जिससे बैंक पर पूर्ण नियंत्रण मिल सके।
RBI और SBI से बातचीत

एसएमबीसी पिछले साल से ही भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक के साथ वार्तालाप कर रहा है। RBI से एसएमबीसी को 51% भागीदारी खरीदने की सैद्धांतिक इजाजत भी मिल चुकी है।
इस डील के जरिए एसएमबीसी को भारतीय बैंकिंग सेक्टर में एक मजबूत स्थान मिलेगा, खासकर एक ऐसे समय में जब डिजिटल और फुटकर बैंकिंग में प्रतियोगिता तेजी से बढ़ रही है।
यस बैंक के लिए क्यों है यह डील अहम?
एसएमबीसी यस बैंक डील: साल 2020 में वित्तीय संकट से जूझते समय RBI और SBI की अगुवाई में यस बैंक को रिवाइव किया गया था। एसएमबीसी की हिस्सेदारी से बैंक को:
- नई पूंजी
- वैश्विक नेटवर्क का एक्सेस
- बेहतर प्रबंधन और टेक्नोलॉजी सपोर्ट मिलेगा
यह सौदा यस बैंक के फ्यूचर ग्रोथ प्लान और स्टेबल संचालन के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है।