नई दिल्ली । एशिया कप 2025 में भारतीय टीम (India Team) ने पाकिस्तान को तीन बार हराकर ट्रॉफी जीतने के बावजूद विवादों से घिरी रही। भारतीय खिलाड़ियों ने नो-हैंडशेक पॉलिसी अपनाई और पाकिस्तान टीम द्वारा ‘गन सेलिब्रेशन’ और ‘प्लेन क्रैश’ जैसी हरकतों के विरोध में कड़ा रुख अपनाया।
मोहसिन नकवी और ट्रॉफी विवाद
फाइनल मुकाबले में भारत की जीत के बावजूद एसीसी चीफ मोहसिन नकवी (Mohsin Naqvi) के हाथ से ट्रॉफी लेने से भारत ने इनकार किया। नकवी ट्रॉफी लेकर एक घंटे तक स्टेज पर खड़े रहे, लेकिन कोई भारतीय खिलाड़ी प्रेजेंटेशन सेरेमनी में शामिल नहीं हुआ। अंत में नकवी ट्रॉफी लेकर वहां से चले गए।
ट्रॉफी अबू धाबी में छुपाई गई
नकवी ने ट्रॉफी को एसीसी दफ्तर से बाहर निकालकर अबू धाबी (Abu dhabi) में किसी अज्ञात जगह पर छुपा दिया। अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, नकवी ट्रॉफी खुद भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव और खिलाड़ियों को देने पर अड़े हैं।
बीसीसीआई का विरोध और बातचीत जारी
बीसीसीआई लगातार ई-मेल के जरिए ट्रॉफी लौटाने की चेतावनी दे रहा है, लेकिन नकवी ने जवाब दिया कि वे 10 नवंबर को यूएई में कार्यक्रम आयोजित कर ट्रॉफी देने का इरादा रखते हैं।
बीसीसीआई ने पहले ही इस योजना को अस्वीकार कर दिया।
राजनीतिक और प्रशासनिक पहलू
मोहसिन नकवी पीसीबी चीफ, एसीसी अध्यक्ष और पाकिस्तान सरकार में मंत्री हैं। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि नकवी भारत से अपनी खुंदक निकालने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते। इस पूरी स्थिति ने एशिया कप 2025 को विवादित और राजनीतिक बना दिया है। भारतीय टीम की विजयी झलक के बावजूद, नकवी द्वारा ट्रॉफी पर अपने अधिकार जताने और उसे अज्ञात जगह पर छुपाने की कोशिश क्रिकेट प्रेमियों और दोनों देशों की क्रिकेट प्रशासनिक संस्थाओं के बीच बहस का विषय बन गई है।
बीसीसीआई और एसीसी के बीच बातचीत अभी जारी है, लेकिन नकवी की अड़ियल स्थिति ने खेल के उत्सव को विवादों में बदल दिया है।
मोहसिन नक़वी कौन हैं?
मोहसिन नकवी एक पाकिस्तानी राजनेता हैं, जो वर्तमान में पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) व एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) के अध्यक्ष हैं। उनका पूरा नाम सैयद मोहसिन रजा नकवी है, और उनका जन्म 1978 में लाहौर में हुआ था। वह मीडिया उद्योग से भी जुड़े रहे हैं।
क्या मोहसिन रजा नकवी शिया है?
वह स्वर्गीय सैयद जीना रज़ा नक़वी के पुत्र हैं। पिता जीना एक अत्यंत दृढ़निश्चयी व्यक्ति के रूप में जाने जाते थे। रज़ा शिया धर्मावलंबी हैं। उनकी पत्नी फ़ौज़िया सरवर फ़ातिमा एक प्रतिष्ठित व्यवसायी की पुत्री हैं और एक सुन्नी परिवार से ताल्लुक रखती हैं।
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