DMK: एआईएडीएमके-बीजेपी गठबंधन एक “भ्रष्ट और पराजय का गठबंधन”

By digital@vaartha.com | Updated: April 12, 2025 • 3:23 PM

डीएमके अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने शनिवार को कहा कि एआईएडीएमके-बीजेपी गठबंधन एक “भ्रष्ट और पराजय का गठबंधन” है।

उन्होंने यह बयान उस समय दिया जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एआईएडीएमके और बीजेपी के गठबंधन की फिर से घोषणा की। स्टालिन ने कहा कि यह गठबंधन पहले ही तमिलनाडु की जनता से कई बार हार चुका है और यह फिर से विफल होने वाला है।

उन्होंने कहा, “अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उसी असफल गठबंधन को फिर से बना दिया है।”

शाह का प्रेस कॉन्फ्रेंस उनके संवैधानिक पद की गरिमा के लायक नहीं

एम. के. स्टालिन

स्टालिन ने आरोप लगाया कि अमित शाह का प्रेस कॉन्फ्रेंस उनके संवैधानिक पद की गरिमा के लायक नहीं था। उन्होंने कहा कि भले ही यह अमित शाह की व्यक्तिगत पसंद हो कि वह इस गठबंधन की घोषणा करें, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि यह गठबंधन किस सिद्धांत पर आधारित है।
इसके बजाय, शाह ने बस इतना कहा कि एक ‘कॉमन मिनिमम प्रोग्राम’ (साझा न्यूनतम कार्यक्रम) बनाया जाएगा।

एनईईटी पर शाह साध गये चुप्पी

स्टालिन ने कहा कि एआईएडीएमके जो खुद को एनईईटी (NEET), हिंदी थोपने, तीन भाषा नीति, और वक्फ एक्ट के खिलाफ बताती ह।, साथ ही निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन में तमिलनाडु की सीटें घटाने के विरोध में कहती हैउन्होंनेकहा — क्या ये सारी बातें उस ‘कॉमन मिनिमम प्रोग्राम’ में शामिल होंगी?

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमित शाह ने इन मुद्दों पर कुछ नहीं कहा और न ही एआईएडीएमके नेताओं को कुछ बोलने दिया। शाह ने बस डीएमके, तमिलनाडु सरकार और स्टालिन पर ही हमला बोला — जो हर किसी ने देखा।

स्टालिन ने कहा कि डीएमके एक ऐसा आंदोलन है जो राज्य के अधिकारों, भाषा के अधिकारों और तमिल संस्कृति की रक्षा करता है। इसके विपरीत, बीजेपी-एआईएडीएमके गठबंधन केवल सत्ता के लिए बना है और ये इन सभी मूल्यों के खिलाफ है।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की जनता यह नहीं भूली है कि एआईएडीएमके महासचिव एडप्पाडी पलानीस्वामी ने सत्ता के लालच में तमिलनाडु की गरिमा और अधिकारों को दिल्ली के सामने गिरवी रख दिया और राज्य को संकट में डाल दिया।

स्टालिन ने कहा कि जब एनईईटी के बारे में बार-बार सवाल पूछा गया, तो अमित शाह सही जवाब नहीं दे सके। अगर उन्हें एनईईटी सही लगता है, तो उन्हें खुलकर उसका बचाव करना चाहिए था।
लेकिन शाह ने मुद्दे को टालने की कोशिश की।शाह इतना ही कहा कि “एनईईटी का विरोध एक भटकाने वाली रणनीति है।”
स्टालिन ने सवाल किया कि तमिलनाडु में एनईईटी के कारण आत्महत्या करने वाले 20 से अधिक मेडिकल छात्र क्या “भटकाव” का हिस्सा थे?

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