पिछले साल की अपेक्षा इस बार टैक्स पेमेंट में 29 फीसदी की बढ़ोतरी
अडानी ग्रुप पिछले साल (अप्रैल 2023 से मार्च 2024) के मुकाबले इस साल (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) में कुल टैक्स पेमेंट में 29 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इस साल ग्रुप ने अपनी कंपनियों के जरिए कुल 74,945 करोड़ रुपये का टैक्स सरकारी खजाने में जमा कराया है, जबकि पिछले साल यह रकम 58,104 करोड़ रुपये थी। यह जानकारी अडानी ग्रुप ने गुरुवार को दी। इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक इस टैक्स में कंपनी के खुद के दिए गए टैक्स (डायरेक्ट टैक्स), ग्राहकों या दूसरों से वसूले गए टैक्स (इनडायरेक्ट टैक्स), और कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा में दिया गया योगदान भी शामिल है।
74,945 करोड़ रुपये लगभग पूरे मुंबई मेट्रो नेटवर्क को बनाने में लगने वाली लागत के बराबर
इस पैसे का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि 74,945 करोड़ रुपये लगभग पूरे मुंबई मेट्रो नेटवर्क को बनाने में लगने वाली लागत के बराबर है। यह रकम आधुनिक ओलंपिक खेलों के आयोजन में लगने वाले खर्च के लगभग बराबर भी है। इस कुल रकम में से 28,720 करोड़ रुपये डायरेक्ट टैक्स, 45,407 करोड़ रुपये इनडायरेक्ट टैक्स, और 818 करोड़ रुपये दूसरे योगदान (जैसे कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा) के हैं।
सबसे ज्यादा टैक्स दिया अडानी ग्रुप ने
ग्रुप की जिन मुख्य सूचीबद्ध कंपनियों (लिस्टेड कंपनियों) ने सबसे ज्यादा टैक्स दिया है, उनमें अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल), अडानी सीमेंट लिमिटेड (एसीएल), अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (एपीएसईजेड), और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) शामिल हैं। ग्रुप ने अपनी सात लिस्टेड कंपनियों की वार्षिक रिपोर्ट्स में यह जानकारी दी है। इनमें एनडीटीवी, एसीसी और सांघी इंडस्ट्रीज जैसी तीन और कंपनियों के टैक्स भी शामिल हैं, जिन पर ग्रुप की ये सात कंपनियां नियंत्रण रखती हैं।
अडानी ग्रुप ने दिया दस्तावेज
टैक्स भुगतान की पूरी जानकारी देने के लिए अडानी ग्रुप ने एक दस्तावेज (‘बेसिस ऑफ प्रिपरेशन एंड अप्रोच टू टैक्स’) भी अपनी कंपनियों की वेबसाइट पर जारी किया है। इसमें बताया गया है कि दुनियाभर में उसकी कंपनियों ने कितना टैक्स दिया, दूसरों से वसूला हुआ टैक्स कितना सरकार को जमा कराया, और कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा में कितना योगदान दिया।
टैक्स में पारदर्शिता को सामाजिक जिम्मेदारी मानता है अडानी ग्रुप
अडानी ग्रुप ने कहा कि वह टैक्स में पारदर्शिता को अपनी सामाजिक जिम्मेदारी (ईएसजी) का हिस्सा मानता है। इस जानकारी को खुद से सार्वजनिक करके ग्रुप अपनी पारदर्शिता और भरोसेमंदी दिखाना चाहता है। ग्रुप का कहना है कि वह भारत के बुनियादी ढांचे को बदलने के साथ-साथ नवाचार को बढ़ावा देना और अपने सभी हितधारकों के लिए लॉन्ग टर्म वैल्यू पैदा करना चाहता है।
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