एसिड की गोलियां खाने के बाद की आत्महत्या
राजन्ना-सिरसिल्ला। बढ़ते चिकित्सा खर्च (medical expense) से निपटने में असमर्थ, येल्लारेड्डीपेट मंडल के एक कैंसर रोगी ने बड़ी संख्या में फोलिक एसिड की गोलियां खाने के बाद आत्महत्या कर ली। दुमाला गाँव निवासी पिल्ली मानसा (38) हड्डी के कैंसर (Cancer) से जूझ रहे थे और बताया जाता है कि इलाज पर उनका काफी पैसा खर्च हो गया था। परिवार की आर्थिक तंगी तब और बढ़ गई जब उन्हें अपने छोटे बेटे श्रीधर के इलाज के लिए पैसे उधार लेने पड़े, जिसे तीन महीने पहले निमोनिया होने का पता चला था।
उठा लिया आत्मघाती कदम
बढ़ते खर्चों और परिवार की खराब आर्थिक स्थिति से परेशान होकर, मानसा ने 26 जुलाई को 30 फोलिक एसिड की गोलियाँ निगलकर यह आत्मघाती कदम उठा लिया। उसके बेटे श्रीधर ने, जिसने उसे गोलियाँ लेते देखा था, तुरंत अपने पिता को इसकी सूचना दी। उसे सिरसिला के सरकारी अस्पताल ले जाया गया । हालत बिगड़ने पर उसे येल्लारेड्डीपेट के एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहाँ मंगलवार को इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
जब कैंसर हड्डियों में फैलता है तो कब तक जीना चाहिए?
हड्डियों में कैंसर फैलना अंतिम चरण (Stage IV) माना जाता है। जीवन प्रत्याशा मरीज की उम्र, उपचार की सफलता और अन्य अंगों की स्थिति पर निर्भर करती है, लेकिन औसतन यह 6 महीने से 2 साल तक हो सकती है। कुछ मामलों में इलाज से यह अवधि बढ़ भी सकती है।
हड्डी का कैंसर होने से क्या होता है?
यह एक गंभीर स्थिति है जिसमें हड्डियों में असामान्य कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। इससे हड्डियों में दर्द, सूजन, कमजोरी, और चलते समय तकलीफ होती है। कुछ मामलों में हड्डियाँ आसानी से टूट जाती हैं और कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है।
सबसे दर्दनाक कैंसर कौन सा होता है?
पैनक्रियास, बोन और ब्रेन कैंसर को सबसे दर्दनाक माना जाता है। हड्डियों का कैंसर विशेष रूप से इसलिए दर्दनाक होता है क्योंकि यह शरीर के मूवमेंट को बाधित करता है और नसों पर दबाव डालता है, जिससे असहनीय पीड़ा होती है।
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