हैदराबाद। हाल के दिनों में राजनेताओं (Politician) द्वारा इस्तेमाल की जा रही भाषा पर चिंता व्यक्त करते हुए, विधान परिषद के अध्यक्ष (Legislative Council Chairman) गुत्ता सुखेंद्र रेड्डी ने कहा कि राजनीति में भाषा का स्तर पूरी तरह से गिर गया है और हर नेता को आत्मचिंतन करने की सख्त ज़रूरत है। नलगोंडा स्थित अपने कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए, गुत्ता सुखेंद्र रेड्डी ने न केवल राजनीतिक भाषा के मुद्दे पर, बल्कि मुफ्त योजनाओं, भ्रष्टाचार, बनकाचारला परियोजना और सागर लेफ्ट नहर जैसे विभिन्न विषयों पर भी बात की।
देश भर में बढ़ती भ्रष्टाचार की समस्या पर प्रकाश डाला
उन्होंने देश भर में बढ़ती भ्रष्टाचार की समस्या पर प्रकाश डाला और चुनावी खर्च के अपर्याप्त नियमन को इसका कारण बताया। विधान परिषद के अध्यक्ष ने सर्वोच्च न्यायालय और चुनाव आयोग दोनों से इस मुद्दे पर कार्रवाई करने का आग्रह किया। गुत्ता सुखेंद्र रेड्डी ने चेतावनी दी कि बनकाचारला परियोजना तेलंगाना के लिए हानिकारक हो सकती है और उन्होंने सरकार से इस मामले पर ध्यान देने का आह्वान किया।

नेताओं के बीच आपसी दुश्मनी अस्वीकार्य
विधान पार्षद कविता और मल्लन्ना से जुड़ी घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, सुखेंदर रेड्डी ने कहा कि वह सदन के सदस्यों पर ही अपने आचरण का निर्णय लेने का दायित्व छोड़ते हैं और उनसे आग्रह किया कि वे इस पर विचार करें कि क्या इस तरह का व्यवहार—व्यक्तिगत हमले करना—उचित है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि नेताओं के बीच आपसी दुश्मनी अस्वीकार्य है।
सदन के भीतर होने वाली घटनाओं के संबंध में त्वरित कार्रवाई
गुत्ता ने ज़ोर देकर कहा कि सदन के भीतर होने वाली घटनाओं के संबंध में त्वरित कार्रवाई की जाएगी, साथ ही सदन के दायरे से बाहर होने वाले मामलों का भी आवश्यकतानुसार समाधान किया जाएगा। उन्होंने टिप्पणी की कि ये कार्य न केवल उनकी व्यक्तिगत गरिमा को, बल्कि समग्र रूप से विधान परिषद की अखंडता को भी ठेस पहुँचा सकते हैं।