Action : टीजी रेरा ने गलत जानकारी देने पर दो बिल्डरों पर लगाया 5 लाख रुपये का जुर्माना

By Kshama Singh | Updated: July 27, 2025 • 8:26 PM

सुवर्णभूमि इंफ्रा डेवलपर्स और महा इंफ्रा एंड डेवलपर्स पर कार्रवाई

हैदराबाद। तेलंगाना रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (TGRERA) ने 25 जुलाई को हैदराबाद स्थित बिल्डर, सुवर्णभूमि इंफ्रा डेवलपर्स और महा इंफ्रा एंड डेवलपर्स को गलत जानकारी प्रस्तुत करने के लिए संयुक्त रूप से 5,97,237 रुपये का जुर्माना भरने का निर्देश दिया। डेवलपर्स (Developers) को यह भी निर्देश दिया गया कि वे वादा किए गए बुनियादी ढांचे के साथ विकास कार्य पूरा करें और 60 दिनों के भीतर कब्जा सौंप दें

दोनों बिल्डरों के खिलाफ रेरा में हुई थी शिकायत

शिकायतकर्ताओं, बी. सुरेश गौड़, एस. लक्ष्मी चौधरी, वी. दुष्यंत रेड्डी, कुकुनुरु सोमी रेड्डी, चिट्टी रमेश कुमार और चिट्टी रत्नाकर ने इन दोनों बिल्डरों के खिलाफ रेरा में शिकायत दर्ज कराई थी कि वे ‘सुवर्ण संपदा-2’ परियोजना को पूरा करने में विफल रहे हैं। दोनों बिल्डरों को एचएमडीए पंजीकरण प्राप्त होने (30 जून 2021) के तीन वर्षों के भीतर यह परियोजना पूरी करनी थी, लेकिन यह अवधि समाप्त हो गई। छह वर्ष बीत जाने के बाद भी, प्रतिवादी परियोजना पूरी नहीं कर पाए।

60 दिनों के भीतर कब्जा सौंपने का निर्देश

उन्होंने यह भी शिकायत की कि बिल्डरों की लापरवाही के कारण पड़ोस के ग्रामीण इस लेआउट का उपयोग डंपिंग यार्ड के रूप में कर रहे हैं, तथा एक मार्ग का भी उपयोग कर रहे हैं। टीजी रेरा के अध्यक्ष एन सत्यनारायण ने बिल्डरों को गलत जानकारी प्रस्तुत करने के लिए 5,97,237 रुपये का जुर्माना भरने का निर्देश दिया और वादा किए गए बुनियादी ढांचे के साथ विकास पूरा करने और आदेश की तारीख से 60 दिनों के भीतर कब्जा सौंपने का निर्देश दिया।

रेरा का क्या काम है?

रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) का कार्य अचल संपत्ति क्षेत्र में पारदर्शिता, जवाबदेही और खरीदारों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करना है। यह बिल्डरों को पंजीकरण, समय पर प्रोजेक्ट पूरा करने और ग्राहकों से अनुचित व्यवहार से रोकने के लिए नियम लागू करता है।

रेरा की स्थापना कब हुई थी?

इसकी स्थापना वर्ष 2016 में ‘रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016’ के तहत हुई थी। यह अधिनियम 1 मई 2017 से पूरे भारत में प्रभावी हुआ। रेरा ने भारत के रियल एस्टेट सेक्टर को अधिक सुरक्षित और नियमित बनाने का काम किया।

रेरा की धारा 63 क्या है?

यह धारा उन प्रमोटरों पर लागू होती है जो रेरा के आदेशों का पालन नहीं करते। इसके तहत पहली बार ₹5 लाख तक और रोज़ाना उल्लंघन जारी रहने पर कुल प्रोजेक्ट लागत का 5% तक जुर्माना लगाया जा सकता है। यह धारा सख्त दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान रखती है।

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