हैदराबाद। जीएचएमसी आयुक्त (GHMC Commissioner) आरवी कर्णन ने कहा कि प्रोफेसर जयशंकर एक महान व्यक्ति थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन तेलंगाना आंदोलन (Telangana movement) और आत्मनिर्णय के लिए समर्पित कर दिया। बुधवार को आचार्य जयशंकर की जयंती के उपलक्ष्य में, जीएचएमसी आयुक्त आरवी कर्णन और अधिकारियों ने जीएचएमसी मुख्यालय में उनके चित्र पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
एक प्रोफेसर के रूप में छात्रों का मार्गदर्शन किया
इस अवसर पर, आयुक्त ने आचार्य जयशंकर की सेवाओं को याद किया। जीएचएमसी आयुक्त आरवी कर्णन ने कहा कि आचार्य जयशंकर ने एक प्रोफेसर के रूप में छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए अपना जीवन पूरी तरह से तेलंगाना राज्य के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सेवाएँ अविस्मरणीय हैं।
आदर्शों और प्रेरणाओं को जारी रखना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि
आयुक्त आरवी कर्णन ने कहा कि प्रोफेसर जयशंकर के आदर्शों और प्रेरणाओं को जारी रखना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। कार्यक्रम में अतिरिक्त आयुक्त रघु प्रसाद, गीता राधिका, वेणु गोपाल, सीई रत्नाकर, लेखा परीक्षक वेंकटेश्वरलू, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी मोहम्मद मुर्तुजा, पीआरओ एम दशरथम और अन्य ने भाग लिया।
प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय का रैंक क्या है?
ICAR के अनुसार (2018), PJTSAU को दक्षिण भारत की सर्वश्रेष्ठ कृषि विश्वविद्यालय के रूप में नंबर 1 और पूरे भारत में छठा स्थान दिया गया था। यह रैंकिंग 16 जुलाई 2019 को जारी की गई थी।
जयशंकर की पत्नी कौन है?
उनके व्यक्तिगत जीवन जैसे विवाह या पत्नी संबंधी जानकारी सार्वजनिक स्रोतों में उपलब्ध नहीं है।
जयशंकर की पहली कहानी कौन सी थी?
यदि आपका आशय प्रो॰ कोठापल्ली जयशंकर से है, तो वे एक समाजकर्मी, शिक्षक और आंदोलनकर्ता थे, न कि कहानी लेखक।
Read also: BC: दिल्ली धरना बीसी अधिकारों की लड़ाई नहीं बल्कि महज़ राजनीतिक प्रदर्शन : डॉ. वकुलाभरणम