कोडंगल को धन आवंटन में असमानता पर उठाए सवाल
हैदराबाद। मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी की कार्यशैली अब उनकी अपनी पार्टी के भीतर से ही जांच के दायरे में आ गई है, कई कांग्रेस विधायकों ने शासन और पार्टी मामलों को संभालने के उनके दृष्टिकोण पर चिंता व्यक्त की है। मुनुगोड़े के विधायक कोमाटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी (Komatireddy Rajgopal Reddy) ने एक बार फिर उन पर हमला किया और मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाया तथा उन पर शासन के मुख्य मुद्दों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। राजगोपाल रेड्डी ने हैदराबाद के एक होटल में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिव कुमार (D.K. Shiv Kumar) से भी मुलाकात की, जिससे पार्टी हलकों में अटकलों को और बल मिला। मुनुगोड़े विधायक ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे लंबे-चौड़े भाषण देना बंद करें और प्रशासन तथा वादों के क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित करें।
लोग मुख्यमंत्री से कर रहे हैं नफरत
सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में राजगोपाल रेड्डी ने कहा, ‘लोग मुख्यमंत्री के अहंकार और विपक्ष के प्रति अभद्र भाषा के कारण उनसे नफ़रत कर रहे हैं। वे कांग्रेस से अपनी उपलब्धियों और वादों को पूरा करने के बारे में बोलने की मांग कर रहे हैं।’ उन्होंने दावा किया कि पिछले 20 महीनों में ग्रामीण इलाकों में विकास पिछड़ गया है। उन्होंने आगे कहा, ‘मुख्यमंत्री को उन्माद में आने की ज़रूरत नहीं है। कांग्रेस अगले तीन साल तक सत्ता में रहेगी। उन्हें सुशासन पर ज़ोर देना चाहिए।’
धन आवंटन में कथित भेदभाव पर असंतोष
कई कांग्रेस विधायकों ने कथित तौर पर धन आवंटन में कथित भेदभाव पर असंतोष व्यक्त किया है। राजगोपाल रेड्डी ने मुख्यमंत्री के कोडंगल निर्वाचन क्षेत्र को कथित तौर पर 5,000 करोड़ रुपये के आवंटन पर आपत्ति जताई। नारायणखेड़ के विधायक पी. संजीव रेड्डी ने भी इस चिंता को दोहराया और कहा कि उन्हें खुशी होगी अगर कोडंगल को दिए गए धन का कम से कम 25 प्रतिशत अन्य निर्वाचन क्षेत्रों को दिया जाए। जादचेरला विधायक जे अनिरुद्ध रेड्डी ने पहले भी तेलंगाना में प्रमुख कार्यों पर आंध्र प्रदेश के ठेकेदारों के प्रभुत्व को लेकर चिंता जताई थी। इसी भावना को दोहराते हुए, राजगोपाल रेड्डी ने भी आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के तहत आंध्र प्रदेश के ठेकेदार तेलंगाना के संसाधनों का दोहन कर रहे हैं।
तेलंगाना का पुराना नाम क्या था?
इतिहास में तेलंगाना को प्राचीन काल में तेलंग देश या त्रिलिंग देश के नाम से जाना जाता था। यह नाम उस क्षेत्र से जुड़ा है जहां त्रिलिंग क्षेत्र के तीन प्रमुख शिव मंदिर—कालेश्वरम, श्रीशैलम और द्राक्षारामम स्थित हैं।
तेलंगाना में हिंदुओं की आबादी कितनी है?
2021 के अनुमान और 2011 की जनगणना के अनुसार तेलंगाना की जनसंख्या में करीब 85% से अधिक लोग हिंदू धर्म का पालन करते हैं। शेष आबादी में मुसलमान, ईसाई, सिख और अन्य धर्मों के लोग शामिल हैं, विशेषकर हैदराबाद में मुस्लिम आबादी अधिक है।
तेलंगाना का पुराना नाम क्या है?
भूतपूर्व हैदराबाद रियासत का बड़ा हिस्सा वर्तमान तेलंगाना में था। इसे ब्रिटिश शासन से पहले हैदराबाद राज्य, उससे पहले तेलंगाना प्रांत और प्राचीन समय में तेलंग देश के नाम से जाना जाता था, जो आंध्र और मराठवाड़ा से भिन्न सांस्कृतिक पहचान रखता था।
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