हैदराबाद : तेलंगाना के उप मुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्क (Bhatti Vikramarka) मल्लू ने कहा कि हैदराबाद साइंस और इनोवेशन का हब है। युवा इनोवेटर्स आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड-क्लास सिस्टम डिज़ाइन का सेंटर बन गया है। राज्य ग्लोबल रिसर्च इंस्टीट्यूशन्स और इन्वेस्टर्स का स्वागत करता है। वे हैदराबाद के जेआरसी कन्वेंशन सेंटर में हुए स्पेस इकॉनमी, बायोमिमिक्री और एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल रिसोर्सेज़ पर बायोइंस्पायर्ड फ्रंटियर्स 2025 इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस (International Conference) में बोल रहे थे।
तेलंगाना सरकार वर्ल्ड-क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर देने के लिए प्रतिबद्ध
उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार वर्ल्ड-क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर देने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा काम नेचर से आगे निकलना नहीं, बल्कि उससे सीखना है। उप मुख्य मंत्री ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के समय से ही हैदराबाद साइंस और इनोवेशन का हब रहा है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि तेलंगाना अब वर्ल्ड-क्लास सिस्टम डिज़ाइन का सेंटर बन गया है। उन्होंने तेलंगाना सरकार की ओर से ग्लोबल रिसर्च इंस्टीट्यूशन्स, इन्वेस्टर्स और इनोवेटर्स को राज्य के साथ मिलकर काम करने का न्योता दिया।
युवा इनोवेटर्स की एक नई पीढ़ी : भट्टी विक्रमार्क
उन्होंने नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइज़ेशन आदि की चर्चा की। इसके अलावा, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल), मिश्र धातु निगम (मिधानी) और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) जैसे पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज भी हैदराबाद में बढ़े, जिससे देश के एयरोस्पेस, मेटलर्जी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर्स की मज़बूत नींव पड़ी। उन्होंने कहा कि युवा इनोवेटर्स की एक नई पीढ़ी अब इस लेगेसी को नई एनर्जी के साथ आगे बढ़ा रही है। उन्होंने हैदराबाद की एक और पायनियर कंपनी ध्रुव स्पेस का भी ज़िक्र किया, जो डिज़ाइन और फैब्रिकेशन से लेकर लॉन्च और ग्राउंड ऑपरेशन तक, एंड-टू-एंड सैटेलाइट सॉल्यूशन देती है, जो दिखाती है कि तेलंगाना में वाकई वर्ल्ड-क्लास सिस्टम बनाए जा सकते हैं।
हैदराबाद का दूसरा नाम क्या है?
हैदराबाद का दूसरा ऐतिहासिक नाम “भाग्यानगर” (Bhagyanagar) है।
तेलंगाना और हैदराबाद में क्या अंतर है?
तेलंगाना और हैदराबाद का संबंध राज्य और उसकी राजधानी का है।
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