हैदराबाद । हैदराबाद पुलिस आयुक्त वी.सी. सज्जनार ने कहा कि यदि सतर्कता विभाग (Vigilance Department) भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और अपराधों पर नियंत्रण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित टास्क फोर्स का गठन करता है, तो पारदर्शिता और उत्पादकता दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। वे शुक्रवार सुबह हैदराबाद के सिंगरेनी भवन में आयोजित सतर्कता जागरूकता सप्ताह के पाँचवें दिन मुख्य अतिथि थे। बैठक की अध्यक्षता संगठन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एन. बलराम ने की।
त्रुटिपूर्ण नीतियाँ अनियमितताओं को जन्म देती हैं : पुलिस आयुक्त
श्री सज्जनार ने कहा, “भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को कम करने के लिए व्यवस्थाओं में मूलभूत परिवर्तन आवश्यक हैं। त्रुटिपूर्ण नीतियाँ अनियमितताओं को जन्म देती हैं। इसलिए व्यवस्था को मजबूत किया जाना चाहिए और अच्छी आदतों और प्रथाओं को लागू किया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि तकनीक को अपनाने से पारदर्शिता बढ़ेगी। उन्होंने सिंगरेणी कंपनी के साथ अपने 25 साल के जुड़ाव की पुरानी यादें ताज़ा कीं। उन्होंने कहा कि आज देश की जीडीपी वृद्धि में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

परिवर्तन को अपनाने में पिछड़ रही कई कंपनियाँ बंद हो गई
उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि युवा सीएमडी एन. बलराम के नेतृत्व में विभिन्न व्यावसायिक विस्तार उपायों के माध्यम से सिंगरेणी कंपनी एक वैश्विक कंपनी के रूप में उभरी है और इस दिशा में उनके और अधिक विकास की कामना की। साथ ही, यह याद करते हुए कि परिवर्तन को अपनाने में पिछड़ रही कई कंपनियाँ बंद हो गई हैं, उन्होंने सिंगरेनी कर्मचारियों को चुनौतियों का सामना करने और अपने कौशल को निरंतर विकसित करने की सलाह दी।
सतर्कता विभाग क्या होता है?
Vigilance Department सरकारी या सार्वजनिक संस्थानों में एक ऐसा विभाग होता है जो भ्रष्टाचार, अनियमितताओं, और अनुशासनहीनता की रोकथाम और जांच का कार्य करता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि सरकारी अधिकारी और कर्मचारी ईमानदारी, पारदर्शिता और नियमों के अनुसार कार्य करें।
सतर्कता विभाग कौन सा होता है?
केंद्र सरकार स्तर पर: Central Vigilance Commission (CVC) सर्वोच्च सतर्कता संस्था है।
राज्य सरकारों में: राज्य सतर्कता विभाग (State Vigilance Department) काम करता है।
सार्वजनिक उपक्रमों में: जैसे रेलवे, बैंक, बीमा कंपनी, या बिजली बोर्ड—इनमें भी अपना-अपना आंतरिक सतर्कता विभाग होता
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