हैदराबाद। तेलंगाना सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण (Minority Welfare) विभाग के तत्वावधान में हैदराबाद स्थित रवींद्र भारती में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस और अल्पसंख्यक कल्याण दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी और स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री, भारत रत्न (Bharat Ratna) मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की स्मृति में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अल्पसंख्यक कल्याण एवं लोक उद्यम मंत्री, मोहम्मद अज़हरुद्दीन उपस्थित रहे।
मैं शीघ्र निर्णय लेने वाला व्यक्ति : मो. अज़हरुद्दीन
मुख्य अतिथि के रूप में अपना संबोधन देते हुए, अल्पसंख्यक कल्याण एवं लोक उद्यम मंत्री, मोहम्मद अज़हरुद्दीन, जिन्होंने कल मंत्रालय का कार्यभार संभाला, ने कहा कि वे शीघ्र निर्णय लेने वाले व्यक्ति हैं और उन्होंने कल्याणकारी पहलों को उसी गति से लागू करने के लिए अधिकारियों से सहयोग का अनुरोध किया। पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनकी पहली सार्वजनिक उपस्थिति थी, जहाँ उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके उल्लेखनीय योगदान और शिक्षा पर उनके दूरदर्शी ज़ोर के लिए मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
उत्थान और समग्र विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई
मंत्री ने शिक्षा, सशक्तिकरण और समान अवसरों के माध्यम से अल्पसंख्यकों के उत्थान और समग्र विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। इस अवसर पर, सरकार के सलाहकार मोहम्मद अली शब्बीर ने स्मरण किया कि मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने भारत की स्वतंत्रता के बाद, राष्ट्र निर्माण में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, देश के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य करना चुना। पवित्र कुरान की पहली आयत, “इकरा” – जिसका अर्थ है “पढ़ना” – का हवाला देते हुए, उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रत्येक धर्म ज्ञान के मूल्य को बनाए रखता है।
कुल 18 पुरस्कार प्रदान किए गए
इस अवसर पर, तेलंगाना उर्दू अकादमी ने पत्रकारिता, कविता, शिक्षा, समाज सेवा, शोध और आलोचना, कथा साहित्य और उर्दू के प्रचार-प्रसार जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उर्दू भाषा और साहित्य में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रतिष्ठित साहित्यकारों को सम्मानित किया। कुल 18 पुरस्कार प्रदान किए गए। मंत्री ने तेलंगाना अल्पसंख्यक आवासीय शैक्षणिक संस्थान सोसाइटी, तेलंगाना अल्पसंख्यक वित्त निगम, अल्पसंख्यक शैक्षिक विकास केंद्र, तेलंगाना अल्पसंख्यक अध्ययन मंडल और दैरातुल मआरिफ़िल उस्मानिया द्वारा लगाए गए प्रदर्शनी स्टालों का भी निरीक्षण किया।
मोहम्मद अजहरुद्दीन ने क्रिकेट क्यों छोड़ा था?
उन्होंने मैच फिक्सिंग विवाद (Match-fixing scandal) के कारण क्रिकेट छोड़ा था।
साल 2000 में बीसीसीआई (BCCI) ने उन पर आजीवन प्रतिबंध (lifetime ban) लगा दिया था।
हालांकि, 2012 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने यह प्रतिबंध रद्द कर दिया, जिससे वे आधिकारिक रूप से निर्दोष घोषित हुए।
अजहरुद्दीन का उच्चतम स्कोर क्या है?
टेस्ट क्रिकेट में: 199 रन बनाम श्रीलंका (1986, कानपुर)
वनडे क्रिकेट में: 153* रन बनाम ज़िम्बाब्वे (1998, कानपुर)
अजहरुद्दीन ने संन्यास कब लिया था?
उन्होंनें 2000 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था।
उनका अंतिम वनडे मैच अक्टूबर 2000 में (साउथ अफ्रीका के खिलाफ़) खेला गया था।
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