हैदराबाद । भारत के पूर्व उप-प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय एकता (National Unity) के सूत्रधार और लौह पुरुष सरदार पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर, देश भर में “रन फॉर यूनिटी” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह हैदराबाद के फतेह मैदान स्थित बशीर बाग स्थित बाबू जगजीवन राम की प्रतिमा से शुरू होकर विधानसभा (Assembly) के पास पब्लिक गार्डन एक्स रोड स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा तक चला।
केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी समेत कई नेताओं ने कार्यक्रम में भाग लिया
भाजपा तेलंगाना प्रदेश अध्यक्ष एन. रामचंद्र राव, केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी, महाराष्ट्र के आईटी एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री आशीष शेलार, भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. लक्ष्मण, भाजपा विधान सभा दल के नेता एलेटी महेश्वर रेड्डी, सांसद ईटेला राजेंद्र, सांसद कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी, विधान पार्षद और अन्य नेताओं ने भाग लिया। इस अवसर पर भाजपा तेलंगाना प्रदेश अध्यक्ष एन. रामचंद्र राव ने कहा कि भारतीय एकता के प्रतीक लौह पुरुष की 150वीं जयंती के अवसर पर, हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उस महापुरुष की भावना को स्मरण करने के लिए देश भर में “रन फॉर यूनिटी” कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। यह कार्यक्रम युवाओं में एकता, देशभक्ति और सेवा की भावना जगाने का एक प्रेरणास्रोत है।

सरदार वल्लभभाई पटेल का जीवन और सेवाएँ प्रत्येक युवा के लिए प्रेरणा : रामचंद्र राव
उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल एक स्वतंत्रता सेनानी थे। स्वतंत्रता के बाद, वे भारत के प्रथम गृह मंत्री बने। उनके प्रयासों से इस देश की छोटी-छोटी रियासतों का एकीकरण हुआ, लगभग 560 रियासतों का एकीकरण हुआ और आज जिस अखंड भारत पर हमें गर्व है, उसका निर्माण हुआ। यह तथ्य कि हैदराबाद राज्य और तेलंगाना आज भारत का हिस्सा हैं, सरदार पटेल की दृढ़ इच्छाशक्ति और साहसी निर्णयों का भी परिणाम है। राव ने कहा कि अत्याचारी निज़ाम के शासन को समाप्त करने के लिए ‘पुलिस कार्रवाई’ के बाद हैदराबाद भारत में शामिल हुआ। सरदार वल्लभभाई पटेल का जीवन और सेवाएँ प्रत्येक युवा के लिए प्रेरणा हैं। हम सभी को उनके दृढ़ संकल्प और दृढ़ संकल्प का मार्गदर्शन चाहिए। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह आज भी इसी भावना को आगे बढ़ा रहे हैं।
सरदार वल्लभभाई पटेल को लौह पुरुष क्यों कहते हैं
उनकों “लौह पुरुष” (Iron Man of India) कहा जाता है क्योंकि उन्होंने भारत की 562 रियासतों का एकीकरण दृढ़ इच्छाशक्ति, अदम्य साहस और कूटनीति से किया था।
उनकी सख्त, निर्णायक और अनुशासित नेतृत्व शैली ने स्वतंत्र भारत की एकता और अखंडता को मजबूत किया।
Sardar Patel का नारा क्या था?
“एकता ही हमारी शक्ति है, और असहमति ही हमारी कमजोरी।”
Sardar Patel की पुस्तक का नाम क्या है?
“Sardar Vallabhbhai Patel: Life and Work” (लेखक: पी.एन. चोपड़ा)
इसके अलावा हिंदी में —
“सरदार वल्लभभाई पटेल: लौह पुरुष” (लेखक: बी. आर. नंदा)
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