एक ही दिन में तीन खोई हुई वस्तुएँ खोजकर लौटाईं
हैदराबाद। आरजीआईए आउटपोस्ट (RGIA Outpost) में प्राप्त तीन अलग-अलग शिकायतों का तुरंत समाधान किया गया, जिससे साइबराबाद पुलिस की दक्षता और तत्परता प्रदर्शित हुई। पहली घटना में जेद्दा से आए मोहम्मद मक्सूद अली (Mohammad Maqsood Ali) ने शिकायत दर्ज करवाई कि उनका बैग खो गया है, जिसमें 20 ग्राम सोना, 10,000 नकद, पासपोर्ट और मोबाइल फोन थे। समन्वित प्रयासों, तकनीकी सहायता और जमीनी स्तर पर सत्यापन के माध्यम से आरजीआईए आउटपोस्ट स्टाफ ने बैग को खोज निकाला और उन्हें वापस कर दिया। उन्होंने खुशी व्यक्त की और साइबराबाद पुलिस की सराहना की।
हवाई अड्डे पर गुम हुआ पासपोर्ट खोजकर लौटाया
दूसरे मामले में शिकायतकर्ता राहुल ने बताया कि उन्होंने हवाई अड्डे पर अपना पासपोर्ट गुम कर दिया था। तकनीकी इनपुट और ग्राउंड-लेवल वेरिफिकेशन की मदद से स्टाफ ने पासपोर्ट को ढूंढकर उन्हें सौंप दिया। तीसरी घटना में धूपाठी गोपी ने शिकायत की कि उन्होंने एक टैक्सी में अपना बैग खो दिया, जिसमें उनके मूल शैक्षणिक प्रमाणपत्र थे। तुरंत कार्रवाई करते हुए आरजीआईए आउटपोस्ट टीम ने तकनीकी सहायता और जमीनी सत्यापन का उपयोग कर बैग का पता लगाया और उसे उन्हें लौटा दिया। तीनों शिकायतकर्ताओं ने आरजीआईए आउटपोस्ट टीम की त्वरित प्रतिक्रिया पर संतोष व्यक्त किया। डीसीपी शमशाबाद बी. राजेश ने आरजीआईए आउटपोस्ट एसएचओ कनकैयाह समपथी और स्टाफ के समय पर और प्रभावी प्रयासों की सराहना की।
उत्तर प्रदेश में कितने साइबर पुलिस स्टेशन हैं?
मुझें कोई भरोसेमंद सार्वजनिक स्रोत नहीं मिला जो पूरे उत्तर प्रदेश के लिए वर्तमान में कितने साइबर पुलिस स्टेशन हैं, यह स्पष्ट संख्या बताता हो। राज्य में कई जिले-स्तर पर साइबर सेल या साइबर पुलिस यूनिट कार्यरत हैं, लेकिन एक समेकित सूची या आधिकारिक आँकड़ा आसानी से उपलब्ध नहीं है।
साइबराबाद (Cyberabad) में कितने पुलिस स्टेशन हैं?
Cyberabad Police Commissionerate के अंतर्गत कुल कितने पुलिस स्टेशन हैं — इसके लिए भी किसी सार्वजनिक, विश्वसनीय स्रोत में स्पष्ट संख्यात्मक विवरण नहीं मिला। साइबराबाद एक बड़ा पुलिस कमिश्नरेट है जिसमें कई थाना-इकाइयाँ होती हैं, लेकिन “पुलिस स्टेशन की संख्या” नियमित रूप से अपडेटेड सूची के रूप में नहीं मिली।
पुलिस में साइबर क्राइम क्या है?
पुलिस में “साइबर क्राइम” उन अपराधों को कहते हैं जो इंटरनेट, कंप्यूटर, फोन, मोबाइल ऐप, सोशल मीडिया या अन्य डिजिटल माध्यमों के ज़रिए किए जाते हैं। इसमें ऑनलाइन धोखाधड़ी, हैकिंग, डेटा चोरी, पहचान-चोरी, फिशिंग, साइबर-बुलिंग, फर्जी वेबसाइट्स/ऐप्स, डिजिटल ठगी, कम्युनिकेशन हानि आदि शामिल होते हैं। साइबर क्राइम की जांच व रोकथाम के लिए विशेष “साइबर सेल” या “साइबर पुलिस स्टेशन” बनाए जाते हैं।
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