हैदराबाद। सिंगरेनी कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (Singareni Chairman) एन. बलराम ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सिंगरेनी द्वारा किए जा रहे सौर संयंत्रों (Solar plant) का निर्माण अनुबंध में निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर पूरा किया जाना चाहिए, साथ ही चेतावनी दी कि निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने वाली एजेंसियों के अनुबंध रद्द कर दिए जाएँगे और उन्हें काली सूची में डाल दिया जाएगा।
अधिकारियों और संबंधित ठेकेदारों के साथ विशेष समीक्षा बैठक हुई
हैदराबाद के सिंगरेणी भवन में सौर संयंत्रों के निर्माण में हो रही देरी पर अधिकारियों और संबंधित ठेकेदारों के साथ उनकी एक विशेष समीक्षा बैठक हुई। उन्होंने पहले चरण में अभी तक पूरे नहीं हुए 54.5 मेगावाट क्षमता के सौर संयंत्रों और दूसरे चरण में पूरे होने वाले 67.5 मेगावाट क्षमता के सौर संयंत्रों के निर्माण की प्रक्रिया की बारीकी से समीक्षा की। वे निर्माण एजेंसियों पर बेहद नाराज़ थे जो इन निर्माण कार्यों को निर्धारित समय पर पूरा नहीं कर रही हैं और गंभीर देरी का कारण बन रही हैं।

निर्माण एजेंसियां समय पर अपना काम पूरा नहीं कर रही हैं :
उन्होंने कहा कि यह खेदजनक है कि बिलों के भुगतान में सिंगरेणी की ओर से कोई देरी नहीं होने के बावजूद निर्माण एजेंसियां समय पर अपना काम पूरा नहीं कर रही हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि निर्माण एजेंसियां इसे आखिरी मौका समझें और कहा कि अगर अक्टूबर तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ तो एजेंसी को दिया गया ठेका रद्द कर दिया जाएगा और काम में लापरवाही बरतने वालों को कंपनी में ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा। उन्होंने सिंगरेणी सोलर के अधिकारियों को अक्टूबर तक निर्माण कार्य पूरा करने के लिए विशेष पहल करने और समर्पण भाव से काम करने का आदेश दिया।
सौर संयंत्रों का काम निर्धारित समय पर पूरा नहीं हुआ तो कार्रवाई होगी :
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सौर संयंत्रों का काम निर्धारित समय पर पूरा नहीं हुआ तो संबंधित अधिकारियों का प्रदर्शन उनके सेवा रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। उन्होंने आदेश दिया कि मंदामरी में 28 मेगावाट के सौर संयंत्र के संबंध में स्थापित की जा रही बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) अगस्त तक पूरी कर ली जाए। इस दौरान, यह स्पष्ट किया गया कि केंद्र सरकार की सूर्य घर योजना के अंतर्गत सिंगरेनी में विभिन्न भवनों पर किए जा रहे 32.75 मेगावाट के रूफटॉप संयंत्रों का निर्माण कार्य दिसंबर के अंत तक पूरा कर लिया जाए।
क्या सिंगरेनी सरकारी नौकरी है?
हाँ, सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड एक सरकारी कंपनी है और इसमें मिलने वाली नौकरियाँ सरकारी नौकरियाँ होती हैं।
एससीसीएल का मालिक कौन है?
यह एक संयुक्त सरकारी उपक्रम है जिसमें तेलंगाना सरकार के पास बहुमत हिस्सेदारी है। भारत सरकार का नियंत्रण कोयला मंत्रालय द्वारा होता है।
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