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Hyderabad : यूओएच के प्रोफेसर भारतीय समाजशास्त्र पर नई पुस्तक का कर रहे हैं सह-संपादन

Ankit Jaiswal
Ankit Jaiswal
Hyderabad : यूओएच के प्रोफेसर भारतीय समाजशास्त्र पर नई पुस्तक का कर रहे हैं सह-संपादन

‘भारत में समाजशास्त्र के सौ वर्ष: उभरते मुद्दे, उभरते रुझान’ जुलाई में हुई प्रकाशित

हैदराबाद। हैदराबाद विश्वविद्यालय (University of Hyderabad) के सामाजिक विज्ञान संकाय के सामाजिक समावेशन अध्ययन केंद्र (CSSI) के संकाय प्रोफेसर अजयियु नियामाई का नवीनतम विद्वत्तापूर्ण योगदान, जिसका प्रोफेसर आभा चौहान और प्रोफेसर तत्वमसी पल्तासिंह के साथ संपादित खंड ‘भारत में समाजशास्त्र के सौ वर्ष: उभरते मुद्दे, उभरते रुझान’ जुलाई 2025 में स्प्रिंगर नेचर द्वारा प्रकाशित किया गया है

47वें अखिल भारतीय समाजशास्त्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत किए अपने शोध पत्र

यह पुस्तक पिछली शताब्दी में भारत में समाजशास्त्र के विकास और परिवर्तन पर एक समसामयिक और व्यापक विद्वत्तापूर्ण चिंतन प्रस्तुत करती है। चौबीस गहन अध्यायों और एक परिचयात्मक निबंध से युक्त, यह पुस्तक भारत के कई प्रतिष्ठित समाजशास्त्रियों के कार्यों के साथ-साथ उभरती हुई आवाज़ों को भी एक साथ लाती है, जिनमें से कुछ ने पूर्ण वक्ता के रूप में कार्य किया है और कुछ ने दिसंबर 2023 में मेघालय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (यूएसटीएम) में आयोजित भारतीय समाजशास्त्रीय सोसायटी (आईएसएस) के 47वें अखिल भारतीय समाजशास्त्रीय सम्मेलन में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं।

‘पूर्वोत्तर भारत में समाजशास्त्र: आरंभ से वर्तमान तक’ शीर्षक से एक अध्याय

प्रोफ़ेसर नियामाई ने ‘पूर्वोत्तर भारत में समाजशास्त्र: आरंभ से वर्तमान तक’ शीर्षक से एक अध्याय भी लिखा है, जो इस क्षेत्र में समाजशास्त्र के उद्भव और संस्थागतकरण का आलोचनात्मक चित्रण करता है। उनका यह अध्याय पूर्वोत्तर भारत में समाजशास्त्रीय अन्वेषण को आकार देने वाली अनूठी सामाजिक-सांस्कृतिक और राजनीतिक विशिष्टताओं को उजागर करता है, और इस क्षेत्र को राष्ट्रीय समाजशास्त्रीय विमर्श में पुनः स्थापित करता है।

समाजशास्त्र

हैदराबाद विश्वविद्यालय का इतिहास क्या है?

इसकी स्थापना 1974 में भारत सरकार द्वारा की गई थी। यह एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है, जिसे उच्च शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के लिए जाना जाता है। यह गाचीबौली, हैदराबाद में स्थित है और इसकी स्थापना प्रो. जी. राम रेड्डी के प्रयासों से हुई थी।

हैदराबाद यूनिवर्सिटी का चांसलर कौन है?

वर्तमान में हैदराबाद विश्वविद्यालय (University of Hyderabad) के चांसलर एल. वेंकटेश्वर लुथरा (L. Venkateshwarlu Luthra) हैं। चांसलर का कार्य अकादमिक दिशा-निर्देश और विश्वविद्यालय की गरिमा बनाए रखने में सहयोग देना होता है। यह पद सम्मानसूचक होता है।

हैदराबाद का असली नाम क्या है?

इसका प्राचीन नाम भाग्यनगर था, जो मोहम्मद क़ुली क़ुतुब शाह ने अपनी पत्नी भागमती के नाम पर रखा था। बाद में इसका नाम बदलकर हैदराबाद रखा गया, जो ‘हैदर’ यानी हज़रत अली (इमाम अली) के नाम से प्रेरित माना जाता है।

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